मुजफ्फरपुर में लेखक नवीन जोशी को मिला अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान, उत्तराखंड के विकास की सच्ची कहानी
Bihar News: उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक नवीन जोशी को मुजफ्फरपुर में रविवार को क्लब रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में 15वें अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान से नवाजा गया. उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके उपन्यास ‘देवभूमि डेवलपर्स’ के लिए दिया गया.
Bihar News: उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक नवीन जोशी को मुजफ्फरपुर में रविवार को क्लब रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में 15वें अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान से नवाजा गया. उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके उपन्यास ‘देवभूमि डेवलपर्स’ के लिए दिया गया. इस उपन्यास में उत्तराखंड की भूमि पर कॉर्पोरेट्स, नेताओं, ठेकेदारों और बिचौलियों के सहयोग से भूमि कब्जाने की कहानी को बताया गया है. इस उपन्यास में जन-आंदोलनों और उनके आंतरिक अंतर्विरोधों को प्रभावशाली ढंग से उजागर किया गया है.
सम्मान प्राप्त करने के बाद नवीन जोशी ने कहा
लेखक नवीन जोशी सम्मान स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो और 21 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई. कार्यक्रम में प्रशस्ति-पाठ का वाचन मनोज कुमार वर्मा ने किया. सम्मान प्राप्त करने के बाद नवीन जोशी ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें खड़ी बोली हिंदी के लिए संघर्ष करने वाले अयोध्या प्रसाद खत्री के नाम पर यह सम्मान मिल रहा है. उन्होंने अपने उपन्यास की कथावस्तु पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि उत्तराखंड का विरोध करने वाले नेता अब वही लोग वहां नेतृत्व करने के लिए आगे आ गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण तेजी से किया जा रहा है, और पहाड़ी महिलाओं की कठिनाइयों को उपन्यास में जगह दी गई है.
उपन्यास जनसंघर्षों का दस्तावेज है
इस अवसर पर मुख्य वक्ता और कहानीकार अवधेश प्रीत ने भी ‘देवभूमि डेवलपर्स’ उपन्यास पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यह उपन्यास जनसंघर्षों का दस्तावेज है और इसके पात्र यथार्थ से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि कैसे पर्वतीय समाज के साथ सरकार द्वारा बार-बार किए गए दुर्व्यवहार ने उत्तराखंड राज्य की मांग को मजबूती दी. उन्होंने यह भी कहा कि यह उपन्यास इस सवाल का जवाब देता है कि क्या उजाड़ने को विकास कहा जा सकता है.
कार्यक्रम की शुरुआत अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति समिति के संयोजक वीरेन नंदा ने की, जिन्होंने अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे कामेश्वर प्रसाद दिनेश ने प्रस्तुत किया.