Bihar Pollution: मुजफ्फरपुर की खराब होती आबोहवा शहरवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है. इस समस्या के कई कारण हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण बड़े-बड़े निर्माण कार्य हैं, जिनमें ग्रीन कवर का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. शहर में जहां ग्रीन कवर के साथ भवन निर्माण की दिशा-निर्देश हैं, वहीं इनका पालन कम ही हो रहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिलाधिकारी (DM) और नगर आयुक्त को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. इस पत्र में शहर में प्रदूषण बढ़ा रहे तीन दर्जन से अधिक नए निर्माणाधीन भवनों की सूची भी शामिल है.
इन क्षेत्रों में धुंध जैसा माहौल बना रहता है
इसके साथ ही नगर निगम ने भी शहर के विभिन्न हिस्सों में हो रहे 41 निर्माण कार्यों की पहचान की है, जिनमें सड़क और नालों का निर्माण शामिल है. स्मार्ट सिटी जैसी योजनाओं के तहत इन निर्माण कार्यों को सही मानकों के साथ कराने की सिफारिश की गई है. वर्तमान में स्टेशन रोड, लक्ष्मी चौक, सिकंदरपुर, मरीन ड्राइव और चक्कर मैदान जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिससे धूल के कण हवा में फैल रहे हैं और स्थिति और भी खराब हो गई है.
इन इलाकों में पहले से ही धूल का स्तर अधिक था, और अब निर्माण कार्यों के कारण यह स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे पूरे दिन इन क्षेत्रों में धुंध जैसा माहौल बना रहता है.
प्रदूषण से लोग हो रहे हैं परेशान
धूल के कारण चक्कर मैदान, यूनिवर्सिटी रोड, नारायणपुर और मिठनपुरा जैसे इलाकों में लोगों को सुबह और शाम टहलना भी मुश्किल हो गया है. इन क्षेत्रों में धूल इतनी अधिक है कि सड़क पर चलने में भी परेशानी हो रही है. इस धूल के कारण सड़कों पर अंधेरा जैसा महसूस होने लगता है और वातावरण अस्वस्थ हो जाता है.
पानी छिड़काव से भी नहीं मिल रहा लाभ
नगर निगम द्वारा धूल नियंत्रण के लिए शहर की सड़कों पर सुबह और शाम पानी छिड़कने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए दो वाटर स्प्रिंकलर गाड़ियां भी लगाई गई हैं, लेकिन पानी छिड़काव रात्रि के समय होता है और दिन में सड़कों पर धूल उड़ती रहती है, जिससे कोई विशेष लाभ नहीं हो रहा. स्टेशन रोड में ज्यूडिशियल कॉलोनी से बस स्टैंड तक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. यहां धूल के कारण लोगों का चलना मुश्किल हो गया है. नगर निगम द्वारा भेजी जा रही रिपोर्ट में भी रोजाना पानी के छिड़काव का ही जिक्र किया जा रहा है, लेकिन इस उपाय से प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.
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प्रदूषण से राहत के लिए ठोस कदम
शहर में बढ़ते प्रदूषण और धूल के कारण स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम को इस स्थिति से निपटने के लिए और प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि शहरवासियों को शुद्ध हवा मिल सके और प्रदूषण के स्तर में कमी आए.