Bihar: नगर निगम के कर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध, नगर आयुक्त ने पकड़ा फर्जीवाड़ा
Bihar: मुजफ्फरपुर नगर निगम में सब्जी मंडी, पार्किंग और ऑटो प्रवेश शुल्क की हो रही वसूली में बड़ा घोटाला सामने आया है. शिकायत मिलने पर नगर आयुक्त नवीन कुमार ने खुद इसकी पड़ताल की है.
Bihar: मुजफ्फरपुर. नगर निगम में सब्जी मंडी, पार्किंग और ऑटो प्रवेश शुल्क की हो रही वसूली में बड़ा खेल हो रहा है. शिकायत मिलने पर नगर आयुक्त नवीन कुमार को अपनी टीम के साथ खुद कंपनी बाग रोड में छापेमारी की, जहां से नीरज कुमार नामक एक व्यक्ति को पकड़ा गया है. उक्त व्यक्ति के पास से नगर निगम के नाम से प्रिंट किया 100 पन्ने का पार्किंग शुल्क वसूली से संबंधित रसीद बरामद हुआ है. इसके अलावा छापेमारी टीम ने 580 रुपये नकद बरामद किया है. पूछताछ में औराई के राजखंड का रहने वाला नीरज कुमार ने बताया कि वह नीलकंठ कंपनी का स्टाफ है. पहले नीलकंठ कंपनी को ही वित्तीय वर्ष 2023-24 में वसूली की जिम्मेदारी नगर निगम से मिली थी.
टेंडर अवधि खत्म होने के बाद हो रही वसूली
एक अप्रैल से टेंडर अवधि खत्म होने के बाद नगर निगम खुद वसूली कर रहा है. इसके लिए अलग-अलग पांच जगहों पर पांच कर्मियों की तैनाती की गयी है. लेकिन, इन पांच कर्मियों के अलावा टेंडर अवधि खत्म होने के बाद भी निजी एजेंसी अपने कर्मियों से वसूली करा रहा था. गिरफ्तार व्यक्ति ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि वह जो राशि की वसूली करता है. वह राशि पुरानी बाजार स्थित नीलकंठ कंपनी के ऑफिस में धीरज एवं पंकज कुमार नामक व्यक्ति को देता है. बाद में नगर निगम के कर्मचारी विजय कुमार श्रीवास्तव को ये लोग राशि देते हैं. प्राथमिकी दर्ज कराने वाले स्टॉल सह सैरात प्रभारी अखिलेश कुमार सिन्हा ने अपने आवेदन में कहा है कि विजय श्रीवास्तव कितना रुपये अब तक जमा किये हैं. इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. नगर थाने की पुलिस ने मामले की प्राथमिकी दर्ज करते हुए गिरफ्तार व्यक्ति को जेल भेज दिया है. वहीं, निगम कर्मचारी सहित अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच-पड़ताल पुलिस अपने स्तर से करना शुरू कर दी है.
10 रुपये की होती है वसूली, बनाये गये हैं पांच प्वाइंट
शहर में ऑटो व ई-रिक्शा से रोजाना पार्किंग शुल्क कहे या प्रवेश शुल्क के नाम पर दस रुपये की वसूली होती है. इसके लिए पांच प्वाइंट बनाए गए हैं. स्टेशन रोड, कंपनी बाग के अलावा सिकंदरपुर मोड़, मिठनपुरा, अघोरिया बाजार चौक पर वसूली का प्वाइंट है. इन्हीं जगहों पर नगर निगम के स्टाफ को वसूली करने को कहा गया है. बताया जाता है कि पांच से सात हजार रुपये के बीच रोजाना वसूली होती है. हालांकि, शहर में जितनी ऑटो का परिचालन हो रहा है. इसके अनुपात में काफी कम राशि है. शहर में लगभग 20 हजार के आसपास ऑटो व ई-रिक्शा का परिचालन रोज होता है.
आचार संहिता में फंसा है टेंडर
शहर में जवाहरलाल रोड स्थित घिरनी पोखर, नीम चौक सादपुरा, नई बाजार और कटही पुल सब्जी मंडी की वसूली बंदोबस्त के माध्यम से नगर निगम करता है. हर साल एजेंसी चयन की जाती है. इससे नगर निगम को एक करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होती है. लेकिन, इस बार लोकसभा चुनाव का लागू आदर्श आचार संहिता के कारण अब तक फाइनल नहीं हो सका है. ऐसे में नगर निगम खुद से अपने कर्मियों के माध्यम से वसूली करा रहा है.
पहले भी फर्जीवाड़े का आया था मामला
नगर निगम ऑफिस में फर्जी रसीद के माध्यम से सरकारी राशि वसूली करने का खेला काफी पुराना है. तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह डीडीसी आशुतोष द्विवेदी के कार्यकाल के दौरान एक फर्जी रसीद के माध्यम से नक्शा शुल्क और ऑक्टेिक्ट इंजीनियर के रिन्यूअल का शुल्क जमा करने का मामला सामने आया था. तब कार्रवाई की बात कहीं गयी थी. हालांकि, आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.