बिहार में स्टार्ट-अप से अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका, सरकार देगी 10 लाख तक की मदद

Bihar Startup Policy: मुजफ्फरपुर के MIT में राष्ट्रीय स्टार्टअप डे पर छात्रों को प्रेरित करते हुए डीडीसी अनुपम ने कहा कि स्टार्टअप्स समाज की समस्याओं को हल कर रोजगार सृजित कर रहे हैं. बिहार सरकार की नीति के तहत 10 लाख तक फंड का प्रावधान युवाओं के सपनों को पंख दे रहा है.

By Anshuman Parashar | January 16, 2025 8:56 PM
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Bihar Startup Policy: मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय स्टार्टअप डे के अवसर पर MIT कॉलेज में एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्टार्टअप्स की ताकत और उनकी समाज में भूमिका पर चर्चा की गई. डीडीसी अनुपम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे रचनात्मक सोच और इनोवेशन से समाज की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. उन्होंने छात्रों को स्वीगी और जोमैटो जैसे सफल स्टार्टअप्स का उदाहरण देकर प्रेरित किया और शार्क टैंक जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से नए विचारों को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया.

स्टार्टअप्स ने बदली धारणा

जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक अभिलाषा भारती ने कहा कि बिहार के युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि वे केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर नहीं हैं. स्टार्टअप्स के माध्यम से उन्होंने नए अवसरों की खोज की है. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार की स्टार्टअप नीति के तहत युवाओं को 10 लाख रुपये तक का फंड उपलब्ध कराया जा रहा है. यह फंड उन छात्रों के लिए है जो अपने क्रिएटिव आइडियाज के साथ समाज को नई दिशा देना चाहते हैं.

रोजगार पाने वाले से रोजगार देने वाले बने छात्र

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमके झा ने इस मौके पर कहा कि स्टार्टअप्स छात्रों के लिए केवल एक करियर विकल्प नहीं, बल्कि समाज को बदलने का माध्यम भी हैं. अब छात्र रोजगार पाने वाले से रोजगार देने वाले बन रहे हैं, जो एक बड़ा बदलाव है.

प्रेरणादायक स्टार्टअप्स की झलक

कार्यक्रम के दौरान एमआईटी के दो छात्रों के स्टार्टअप आइडिया प्रस्तुत किए गए, जो अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बने. कार्यक्रम का समन्वय जिला स्टार्टअप सेल के प्रोफेसर संजय कुमार ने किया. एमएसएमई के अतुल कुमार मिश्रा ने भी छात्रों को संबोधित किया और स्टार्टअप्स की अहमियत पर जोर दिया.

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स्टार्टअप के माध्यम से आत्मनिर्भर बिहार की दिशा में कदम

यह कार्यक्रम छात्रों को अपनी रचनात्मकता को पहचानने और उसे व्यावसायिक रूप से साकार करने के लिए प्रेरित करने वाला साबित हुआ. मौके पर मौजूद शिक्षकों और छात्रों ने स्टार्टअप्स के प्रति अपने उत्साह को व्यक्त किया और इसे समाज और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद बताया.

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