मुजफ्फरपुर समेत इन 12 जिलों के मंदिरों का होगा विकास, पर्यटकों के लिए बनेंगे आकर्षक स्थल

Bihar Tourism: बिहार सरकार की 'विकास भी विरासत भी' योजना के तहत राज्य के ऐतिहासिक और पौराणिक शिव मंदिरों को विकसित करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.

By Anshuman Parashar | January 15, 2025 9:21 PM

Bihar Tourism: बिहार सरकार की ‘विकास भी विरासत भी’ योजना के तहत राज्य के ऐतिहासिक और पौराणिक शिव मंदिरों को विकसित करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. इस योजना का उद्देश्य मंदिरों को पर्यटकीय स्थल के रूप में विकसित कर उन्हें सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.

मुजफ्फरपुर समेत 12 जिलों में कार्ययोजना

पर्यटन निदेशालय के निदेशक ने मुजफ्फरपुर समेत 12 जिलों के जिला अधिकारियों को पत्र भेजकर मंदिरों की सूची और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में मंदिरों की भौगोलिक स्थिति, भूमि का स्वरूप (सरकारी, निजी या मठ से संबंधित), और नागरिक सुविधाओं की जानकारी शामिल है. इसके अलावा, मंदिरों तक पहुंचने के साधन, कनेक्टिविटी, और भूमि अधिग्रहण की स्थिति पर भी विस्तृत विवरण मांगा गया है.

मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने औराई प्रखंड स्थित भैरव स्थान शिव मंदिर पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. अपर समाहर्ता, राजस्व को इस मंदिर की रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन निदेशालय को भेजने को कहा गया है.

इन मंदिरों का होगा विकास

  • भैरव स्थान शिव मंदिर (मुजफ्फरपुर)
  • हरिहरनाथ मंदिर (वैशाली)
  • सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर (पूर्वी चंपारण)
  • कुशेश्वरनाथ शिव मंदिर (दरभंगा)
  • एकादश रुद्र मंदिर (मधुबनी)
  • सिंघेश्वर महादेव मंदिर (मधेपुरा)
  • अजगैबीनाथ मंदिर (भागलपुर)
  • बाबा बटेश्वरनाथ मंदिर (कहलगांव)
  • गोरखनाथ शिव मंदिर (कटिहार)
  • महेन्द्रनाथ शिव मंदिर (सीवान)
  • बैकटपुर धाम (पटना)

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा. योजना के तहत, इन मंदिरों को भौतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से उन्नत बनाया जाएगा. स्थानीय कनेक्टिविटी, पार्किंग, और अन्य नागरिक सुविधाओं में सुधार कर इन्हें पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.

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संस्कृति और पर्यटन का संगम

यह पहल न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास है, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का साधन बनेगी. शिवभक्तों और पर्यटकों के लिए यह योजना आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व को एक नई पहचान देगी.

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