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भीषण गर्मी से बड़ी राहत, घने काले बादलों से मौसम हुआ सुहाना, जानें आने वाले दो दिन कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 48 घंटे बारिश की संभावना है. ऐसे में मौसम विभाग ने किसानों को अलर्ट करते हुए उन्हें सलाह दी है.

By Anand Shekhar | May 8, 2024 6:00 AM

Bihar Weather: मुजफ्फरपुर में दिन-भर 36 डिग्री पारा झेलने के बाद मंगलवार को शाम के समय मौसम सुहाना हो गया. आसमान में काले बादल घिरने के साथ तेज हवा और हल्की बारिश से लोगों को बड़ी राहत मिली. एनएच से लेकर बाजार तक शाम के 5 बजे ही विजिबिलिटी कम होने से गाड़ियों की लाइट जल गयी. दूसरी ओर मौसम विभाग की ओर से अगले 12 मई तक का पूर्वानुमान जारी किया गया है. जिसके तहत आसमान में हल्के बादल के साथ अगले 48 घंटे तक वर्षा की संभावना जतायी गयी है. इस अवधि में उत्तर बिहार के अधिकांश जगहों पर वर्षा होगी. वहीं उसके बाद मौसम सूखा रहने का अनुमान है.

किसानों के लिए अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच दिनों में 32 से 35 डिग्री तक अधिकतम तापमान रहेगा. ऐसे में धूप की धमक से थोड़ी राहत रहेगी. हालांकि इस दौरान 18 से 20 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से पूरबा हवा चलेगी. मंगलवार को यहां का अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री है. बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से किसानों को भी अलर्ट किया गया है. इस दौरान रबी मक्का की कटनी और दौनी नहीं करने के साथ खड़ी फसलों में सिंचाई स्थगित रखने की सलाह दी गयी है.

बारिश से लीची के रंग के साथ मिठास भी बढ़ेगी

मौसम के करवट बदलने से लीची किसान काफी खुश है. किसानों के अनुसार मौसमी बदलाव के साथ- साथ लीची अब मीठी और रसीली होगी. इससे आम के फल को भी फायदा होगा. बादल और हल्की बारिश का बेहतर असर लीची के फसल पर होना तय है. बीते सप्ताह तक चिलचिलाती धूप और गर्मी से झुलस रही लीची को अब ऑक्सीजन मिला है .

मुजफ्फरपुर के लीची किसानों के अनुसार उमस भरी गर्मी से पेड़ में लगे लीची के फल खराब हो रहे थे. तापमान में गिरावट की वजह से लाल रंग ले रही लीची के फल के खराब होने के खतरा अब टलने की संभावना है. हाल में सिंचाई करने के बाद भी 24 घंटे में ही नमी समाप्त हो जा रही थी. इस वजह से लीची का फल पूरी तरह से पाक नहीं पा रहा था. वहीं तापमान अधिक होने की वजह से लीची के फल में गुदा कम होने का भी संकट था.

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