– शहर के कई अधिकांश इलाकों में 8 से 12 घंटे तक ठप रही बिजली आपूर्ति वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सुबह सुबह आयी तेज आंधी, ठनका व बारिश से पूरे जिले में ब्लैक आउट की स्थिति हो गयी. सुबह करीब चार से पांच बजे गुल हुई बिजली दस के आसपास से चालू होनी शुरू हुई. शहर से लेकर गांव तक बिजली व पानी के संकट की स्थिति रही. सुबह में ठनका को लेकर चारों ग्रिड मोतीपुर, मुशहरी, रामदयालु व एसकेएमसीएच ग्रिड बस स्टेशन का लोड 10 मेगावाट तक कम गया. ठनका गिरने से 33 केवीए और 11 केवीए लाइन में 80 से अधिक पिन इंसुलेटर ब्लास्ट हुए. शहर में माड़ीपुर, नयाटोला, एमआरडीए कैंपस जीएसएस व ऊर्जा नगर पावर सब स्टेशन से दस बजे के आसपास बिजली आपूर्ति शुरू हुई. इसके अलावा शहर के बेला, चंदवारा, मिस्कॉट, जिला स्कूल ई हाउस, सिकंदरपुर, एमआइटी, भगवानपुर, एसकेएमसीच, खबड़ा आदि पावर सब स्टेशन से बिजली शाम के बाद सामान्य होनी शुरू हुई. कहीं आठ घंटे तो कहीं 12 घंटे बाद बिजली आपूर्ति शुरू हुई. बेला मुशहरी फीडर की बिजली शाम के करीब सात बजे जाकर चालू हई. कल्याणी सेक्शन के तीन पावर सब स्टेशन में ठनका को रोकने वाली लाइट अरेस्टिंग मशीन के साथ दो दर्जन से अधिक पिन इंसुलेटर ब्लास्ट हो गया. भिखनपुरा में करीब आधा दर्जन, एमआइटी, कांटी और मोतीपुर महवल इलाके में करीब तीन दर्जन से अधिक पिन इंसुलेटर ब्लास्ट हुए. साहेबगंज 33 केवीए लाइन में 17 पिन इंसुलेटर ठनका गिरने से ब्लास्ट हो गये. बेला लाइन में मलंग स्थान के समीप सात इंसुलेटर ब्लास्ट हुए. इतनी अधिक संख्या में पिन इंसुलेटर का ब्लास्ट होना उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करता है. ग्रामीण इलाकों में देर शाम तक नहीं चालू हुई बिजली शहर व सटे क्षेत्र में तो देर शाम तक बिजली आपूर्ति बहाल हो गयी. लेकिन ग्रामीण इलाकों में देर रात तक बिजली चालू नहीं हो सकी. इसमें साहेबगंज, पारू, बरूराज, कांटी, मीनापुर, गायघाट, औराई, बोचहां कुढ़नी, सरैया, मड़वन आदि इलाकों में शाम तक 33 केवीए लाइन चालू हो गयी. लेकिन 11 केवीए लाइन के फॉल्ट के कारण देर रात तक ग्रामीण इलाकों में अंधेरा छाया हुआ था. मोतीपुर ग्रिड का लोड जहां रात में पिक आवर में 35 मेगावाट के करीब रहता था जो गुरुवार को रात में आठ बजे के करीब महज 10 मेगावाट पर था.
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