बोचहां उपचुनाव रिजल्ट: भाजपा पर भारी पड़ी स्थानीय स्तर पर नाराजगी, जातियों की गोलबंदी राजद के पक्ष में
बोचहां उपचुनाव में राजद ने बंपर जीत दर्ज कर ली है. भाजपा पर स्थानीय स्तर पर नाराजगी भारी पड़ गयी. वहीं जातियों की गोलबंदी में राजद आगे रहा. जानिये क्षेत्र में वोटों का पूरा गणित...
बोचहां विधानसभा उपचुनाव में राजद के प्रत्याशी अमर कुमार पासवान को भारी मतों से जीत मिली है. राजद के पक्ष में स्थानीय स्तर पर जातियों की गोलबंदी हुई. भाजपा के खिलाफ स्थानीय जातियों की नाराजगी भारी पड़ गयी. इसके कारण शुरुआती दिनों में जहां राजद तीसरे नंबर पर चल रहा था, वह आखिरकार भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहा.
भाजपा को जहां कई मोर्चों पर मुंह की खानी पड़ी , वहीं राजद को ‘माय’ समीकरण के अलावा ‘एटूजेड’ समीकरण का भी वोट मिला. तीसरे नंबर पर रही वीआइपी को मल्लाहों का समर्थन मिला. इस चुनाव में कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बन कर रह गयी. भाजपा भी स्वीकार रही है कि बोचहां की लड़ाई जीती हुई थी, लेकिन भीतरघात के कारण बाजी एनडीए के हाथ से फिसल गयी.
पिछले चुनाव में भाजपा कोटे से एनडीए में वीआइपी के मुसाफिर पासवान यहां से चुनाव जीते थे. दो साल बाद समीकरण ऐसा बदला कि उपचुनाव में यह सीट भाजपा और वीआइपी दोनों के हाथों से निकल कर राजद के खाते में चली गयी. बोचहां विधानसभा क्षेत्र में कुल 35 ग्राम पंचायतें हैं. इन ग्राम पंचायतों में स्थानीय स्तर पर 13 जातियों के मतदाताओं की प्रमुखता है.
राजद को मिले वोट का गणित साफ है. स्थानीय स्तर पर एक राजनीतिक दल द्वारा कराये गये सभी 35 ग्राम पंचायतों में जातियों के बसावट के तानेबाने में इस उपचुनाव के परिणाम की झलक दिखती है. जातियों का यह आंकड़ा आधिकारिक नहीं, बल्कि एक दल द्वारा कराये गये सर्वे पर आधारित है. इसके अनुसार बोचहां विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या 19272 है ,तो मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 29676 है, जबकि भूमिहार मतदाताओं की संख्या 21077 है.
इस विधानसभा क्षेत्र में पासवान मतदाताओं की संख्या 20995 है. उधर, निषाद मतदाताओं की 26107 है. अन्य जातियों में राम मतदाताओं की संख्या 17942, कुशवाहा की 7029, वैश्य मतदाताओं की संख्या 18265, मुसहर जाति के मतदाताओं की संख्या 7209, ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 4139, नोनिया मतदाताओं की संख्या 2790 और कुर्मी जाति के मतदाताओं की संख्या 6564 है. राजनीतिक दलों के लिए इस बड़ी जीत-हार के अपने सामाजिक आधार पर इसका मूल्यांकन करना होगा. किसके पक्ष में सामाजिक-राजनीतिक गोलबंदी हुई.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan