एफएसएल जांच के लिए भेजा गया चीनी बंदी के शव का बिसरा

एफएसएल जांच के लिए भेजा गया चीनी बंदी के शव का बिसरा

By Prabhat Khabar News Desk | June 17, 2024 12:21 AM

मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में चीनी बंदी ली जियाकी के शव का पोस्टमार्टम के बाद बिसरा को जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है. इसके साथ ही शहरी के चार महत्वपूर्ण पार्ट का टुकड़ा भी जांच के लिए भेजा गया है. एफएसएल जांच से टीम के डॉक्टर यह जानना चाह रहे है कि इन पार्ट में क्या रसायनिक परिवर्तन आये हैं. डॉक्टरों का कहना है कि एफएसएल से केमिकल एनालाइसिस और हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट आने के बाद ही चीनी बंदी की मौत की असली वजह सामने आयेगी. बता दें कि एफएमटी के विभागाध्यक्ष डॉ कौशल किशोर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम बोर्ड में शामिल थे. जिसमें डॉ विश्च ज्योति समेत एक अन्य डॉक्टर थे.मेडिकल बोर्ड गठित कर चीनी के शव का पोस्टमार्टम वीडियाग्राफी करा कर कराया गया था. मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी है. चल रही है न्यायिक जांच चाइनीज बंदी की मौत की न्यायिक जांच जारी है. एसीजेएम राजेश कुमार दो इस केस की जांच कर रहे हैं. उन्होंने जेल में किस वार्ड में बंदी भर्ती था. कहां पर उसने अपने अंगों को काटा था, उस समय डयूटी पर कौन मौजूद था. इस संबंध में जेल में जाकर पूछताछ की थी. इसके अलावा एसकेएमसीएच में डयूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी पूछताछ की गयी है.शव को डी- फ्रिजर में मॉर्चुरी में सुरक्षित रखा गया है. चाइनीज बंदी की मौत को लेकर मेडिकल ओपी में सुरक्षा में तैनात पुलिस पदाधिकारी विभाष कुमार यादव ने अपना फर्द बयान दर्ज कराया गया था. बिना वीजा के पकड़ा गया था ली जियाकी चीनी नागरिक ली जियाकी को बीते पांच जून को संदिग्ध स्थिति में लक्ष्मी चौक पर घूमते हुए पकड़ा गया था. पूछताछ के दौरान वह बताया था कि नेपाल का वीजा लेकर वह बीते एक जून को नेपाल पहुंचा था. इसके बाद नेपाल बॉर्डर से बस पकड़ कर बिना वीजा के अवैध रूप से भारत के बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर पहुंच गया . बिना वीजा के भारत में प्रवेश करने के कारण फॉरनर्स अमेंडमेंट एक्ट में ब्रह्मपुरा थानेदार सुभाष मुखिया के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 8 जून की शाम जब जेल में बंदियों की काउंटिंग हो रही थी तो चाइनीज बंदी बाथरूम में चला गया. इसके बाद अपना चश्मा का शीशा फोड़ लिया और हाथ की नस काट लिया, सीना पर गहरा जख्म बना लिया. अंडकोष को जख्मी कर बाहर निकाल लिया था.

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