BRABU: कॉपी जांच में गड़बड़ी के बाद रिटोटलिंग, 800 छात्रों के अंक हुए अपडेट

BRABU, मुजफ्फरपुर में सत्र 2021-23 के द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के रिजल्ट में गड़बड़ी हुई थी. रीटोटलिंग के बाद 800 से अधिक विद्यार्थियों के अंक में सुधार हुआ है. इस रिजल्ट को ऑनलाइन अपडेट कर दिया गया है, अब कॉलेज और संबंधित पीजी विभागों को अंकपत्र दोबारा भेजा जाएगा

By Anand Shekhar | July 10, 2024 7:27 PM

मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) की ओर से पीजी सत्र 2022-22 के द्वितीय सेमेस्टर के 800 से अधिक स्टूडेंट्स की कॉपियों में रिटोटलिंग के बाद सुधार हुआ है. सुधार के बाद छात्रों का अंक ऑनलाइन अपलाेड कर दिया गया है. साथ ही संबंधित कॉलेजों और पीजी विभागों को अंकपत्र भेजा जा रहा है. इस सत्र के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा फरवरी में ली गयी थी. वहीं मई में इसका परिणाम जारी किया गया था.

छात्रों ने किया था हंगामा

परिणाम जारी होते ही विश्वविद्यालय पहुंचकर छात्र-छात्राओं ने परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर हंगामा किया था. उनका कहना था कि विश्वविद्यालय की ओर से कॉपियों की जांच में गड़बड़ी की गयी है. बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को आठ या एक समान अंक दिए गये थे. जूलॉजी, बॉटनी, इतिहास, मनोविज्ञान समेत अन्य विषयों में गड़बड़ी की शिकायत के बाद कुलपति ने मामले में संज्ञान लिया था.

कुलपति के आदेश पर जांची गई कॉपी

कुलपति के आदेश पर करीब पांच हजार कॉपियों की जांच की गयी. इस दौरान 800 से अधिक छात्र-छात्राओं की कॉपियों में यह पाया गया कि या तो प्रश्न चेक नहीं हैं और कई प्रश्न चेक हैं तो उसके अंक नहीं चढ़ाये गये हैं. ऐसे में उनकी रिटोटलिंग कर अंकों के योग को जोड़ा गया. इस के बाद छात्रों के अंकों में बढ़ोतरी हुई है. छात्रों ने विश्वविद्यालय में सोमवार को हो रहे छात्र संवाद में भी इसकी शिकायत दर्ज करायी थी.

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छात्रों ने की मांग- जल्दी परिणाम के चक्कर में भविष्य से न हो खिलवाड़

पीजी के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने रिटोटलिंग के बाद विश्वविद्यालय की मार्किंग पद्धति पर सवाल उठाया है. कहा है कि यदि वे अपनी गलती मानकर चुप बैठ जाते तो उत्तर लिखे जाने के बाद भी उन्हें फेल या कम अंक से संतोष करना पड़ता. जब कॉपियों में उत्तर लिखा है तो उसकी ठीक से जांच क्यों नहीं की जा रही. साथ ही जल्दी परिणाम देने के चक्कर में उनके भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है.

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