मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को बंद करने के विश्वविद्यालय के निर्णय को राजभवन ने सही ठहराया है. राजभवन की ओर से निवर्तमान प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार की ओर से की गयी अपील पर जजमेंट दिया गया है. इसमें दोनों पक्षों की बातों को रखा गया है. साथ ही अंतिम फैसला यह दिया गया है कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय फंक्शनल नहीं है. ऐसे में निवर्तमान प्रशासनिक पदाधिकारी के इसे फंक्शनल करने और उन्हें निदेशक बनाने की अपील को खारिज कर दिया गया है.
पदाधिकारियों की नहीं होगी जरूरत
राजभवन ने विश्वविद्यालय की ओर से मार्च 2024 में डिप्टी डायरेक्टर और असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर की गयी नियुक्ति के पत्र को भी निष्प्रभावी कर दिया गया है. कहा गया है कि जब दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का अस्तित्व ही नहीं रहेगा तो यहां किसी भी पदाधिकारी की क्या जरूरत.
राजभवन ने विश्वविद्यालय के निर्णय को बताया सही
बता दें कि विश्वविद्यालय की ओर से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को बंद करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गयी थी. साथ ही यहां से प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार का केंद्रीय पुस्तकालय में स्थानांतरण किया था. इसके बाद ललन कुमार ने इसी मामले में राजभवन में अपील की थी. इसमें उन्होंने दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को बंद न करने और उन्हें निदेशक बनाये जाने की बात कही थी. तमाम तथ्यों को देखने के बाद कुलाधिपति की ओर से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को बंद करने के विश्वविद्यालय के निर्णय को सही बताया गया.
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दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को बंद करने के विश्वविद्यालय के निर्णय पर राजभवन का फैसला आया है. राजभवन ने इसे सही ठहराया है. साथ ही ललन कुमार की ओर से की गयी अपील को खारिज कर दिया गया है. उन्होंने अपने आप को निदेशक बनाने का दावा भी प्रस्तुत किया था. उसे भी खारिज कर दिया गया है. इसके साथ ही डिस्टेंस को बंद करने से पहले इन्वेंट्री बनाने के लिए नियुक्त किये गये पदाधिकारियों के बारे में भी कहा गया है कि अब उनकी भी कोई जरूरत नहीं है.
– प्रो.डीसी राय, कुलपति, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय