बीआरएबीयू : कुलगीत लेखन के लिए अब 30 तक मौका
बीआरएबीयू : कुलगीत लेखन के लिए अब 30 तक मौका
मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में गुरुवार को कुलगीत कमेटी की बैठक हुई. इसमें कुलगीत रचना के लिए 30 जुलाई 2024 तक प्रविष्टियां आमंत्रित करने का प्रस्ताव रखा गया. कुलपति डॉ दिनेश चंद्र राय ने 30 जुलाई तक तिथि बढ़ाने की सहमति दे दी. बताया गया कि निर्धारित अवधि तक महज आठ ही लोगों ने अपनी रचना भेजी थी. इस कारण तिथि विस्तारित करने का निर्णय लिया गया. विश्वविद्यालय ने सर्वश्रेष्ठ कुलगीत लिखने वाले बतौर पुरस्कार 25 हजार रुपये देने की घोषणा की है. कमेटी के संयोजक डॉ रजनीश कुमार गुप्ता ने बताया कि कुलगीत हिंदी भाषा में अधिकतम चार अंतरा में रचित होना चाहिए. विश्वविद्यालय कुलगीत रचना के केंद्र में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक- सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, विश्वविद्यालय की महान विभूतियां में डॉ राजेंद्र प्रसाद,कवि जानकी वल्लभ शास्त्री, रामधारी सिंह दिनकर, जे बी कृपलानी व रामवृक्ष बेनीपुरी आदि की उपलब्धियां की चर्चा होनी चाहिए. प्रविष्टियां अनिवार्य रूप से एमएस वर्ड फाइल में इमेल पर भेजना है. प्रविष्टियों के साथ रचनाकार अपना नाम, आयु, पता, मोबाइल नं, ईमेल, आधार कार्ड संख्या तथा पासपोर्ट साइज फोटो प्रस्तुत करेंगे. बैठक में संयोजक डॉ रजनीश कुमार गुप्ता के साथ स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के अध्यक्ष प्रो इंदुधर झा, आरडीएस कॉलेज दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ पयोली, एमडीडीएम कॉलेज से संगीत विभाग की अध्यक्ष डॉ स्वस्ति वर्मा, एसएनएस कॉलेज संगीत विभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार मिश्रा, आमंत्रित सदस्य के रूप में आरडीएस कॉलेज इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ ललित किशोर मौजूद रहे.
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