BRABU: बिहार विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में पठन-पाठन में सुधार के साथ ही रिसर्च की गुणवत्ता को लेकर शिक्षकों के रिक्त सीटों पर स्थायी पोस्टिंग की जाएगी. अलग-अलग विभागों को मिलाकर करीब 45 शिक्षकों को पीजी विभाग में लाया जाएगा. बुधवार को कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में हुई ट्रांसफर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
45 शिक्षकों को पीजी विभाग में लाया जाएगा
जिन शिक्षकों से पीजी विभागों में आने के लिए ऐच्छिक आवेदन मांगा गया था. उनमें से विभिन्न विभागों को मिलाकर 45 शिक्षकों को पीजी विभाग में लाया जाएगा. शिक्षकों की पोस्टिंग की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी. विश्वविद्यालय ने पूर्व में कॉलेजों से शिक्षकों को डिपुटेशन पर विभागों में भेजा था. बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद अब स्थायी रूप से उन्हें विभाग आवंटित किया जाएगा.
कुलपति ने योगदान के साथ ही पीजी विभागों का निरीक्षण किया
बैठक में सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों के साथ ही दो चांसलर नॉमिनी भी शामिल हुए. बता दें कि अधिकतर पीजी विभाग एक या दो शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे हैं. कुलपति ने योगदान के साथ ही पीजी विभागों का निरीक्षण किया था. इस दौरान विभागाध्यक्षों की ओर से उन्हें इसकी जानकारी दी गयी थी.
इसपर पीजी विभागों में शिक्षण का स्तर बेहतर बनाने और रिसर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुलपति ने वरीय शिक्षकों का स्थानांतरण यहां करने की योजना बनायी थी. तकनीकी कारणों से इसमें विलंब भी हुआ. राजभवन को इसका प्रस्ताव भेजे जाने के बाद वहां से चांसलर नॉमिनी के रूप में दो सदस्यों की मौजूदगी में शिक्षकों के स्थायी नियुक्ति के फैसले को मंजूरी दे दी गयी.
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कई शिक्षकों ने नहीं दिया योगदान
विश्वविदयालय की ओर से कई विभागों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए कई कॉलेजों से वरीयता के आधार पर शिक्षकों का पीजी विभागों में स्थानांतरण किया गया था. निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी कई शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है. ऐसे में उन शिक्षकों को रिमाइंडर भेजा जाएगा.