BRABU : विवि की परीक्षा सिर पर सवार, छात्र कर रहे सिलेबस का इंतजार

BRABU: मुजफ्फरपुर के बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक में पिछले ही सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू है. दो सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी है. तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा नवंबर में प्रस्तावित है, लेकिन अबतक तीसरे सेमेस्टर का सिलेबस ही फाइनल नहीं हो सका है.

By Anshuman Parashar | September 2, 2024 8:10 PM

BRABU: मुजफ्फरपुर के बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक में पिछले ही सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू है. दो सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी है. तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा नवंबर में प्रस्तावित है, लेकिन अबतक तीसरे सेमेस्टर का सिलेबस ही फाइनल नहीं हो सका है. साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स संकाय में विकल्प के रूप में किस पेपर को पढ़ाया जाए. इसी पर विमर्श चल रहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय की ओर से प्रस्तावित परीक्षा कैलेंडर फिर से बेपटरी होने का खतरा मंडराने लगा है.

परीक्षा कैलेंडर किया गया जारी

विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2024-25 के लिए जो परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया है. उसके अनुसार दो नवंबर से तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा शुरू होनी है. वहीं 10 जनवरी को इसका परिणाम देने की तिथि प्रस्तावित है. यह परीक्षा कैलेंडर उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन को भी भेजा जा चुका है. ऐसे में विश्वविद्यालय के पास महज दो महीने का समय शेष रह गया है. इस अवधि में सिलेबस फाइनल किया जाना है और इसके बाद पाठ्यक्रम को पूरा कराना चुनौतीपूर्ण है.

चार वर्षीय स्नातक में आठ परीक्षाएं होगी

बता दें कि सत्र 2023 से विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है. इसके बाद चार वर्षीय स्नातक में आठ परीक्षाएं होनी है. प्रत्येक सेमेस्टर में छात्र-छात्राओं को वैल्यु एडेड, मल्टी डिसिप्लिनरी और अन्य कोर्स चुनना है. इसके लिए विषयों का बास्केट उपलब्ध कराया गया है. विश्वविद्यालय में इसी बास्केट में से किन विषयों का विकल्प छात्रों को दिया जाए. इसी पर विचार किया जा रहा है. इस कारण अबतक सिलेबस को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है.
एकेडमिक काउंसिल की बैठक के बिना ही लागू करने की तैयारी :

सिलेबस को तैयार कर रहे विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों का मत है कि सिलेबस को अंतिम रूप देने के बाद उसे एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृत करा लिया जाए. इसके बाद ही उसे प्रभावी बनाया जाए. वहीं दूसरी ओर सत्र को विलंब होता देख सिलेबस को एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृति की प्रत्याशा में ही प्रभावी करने पर विचार हो रहा है.

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चौथे सेमेस्टर के बारे में क्या बताया गया

बताया जा रहा है कि चौथे सेमेस्टर का भी सिलेबस साथ-साथ तैयार हो रहा है. ऐसे में अगले सत्र से नामांकन लेने वाले छात्रों को परेशानी नहीं होगी. बता दें कि कई वर्षों के बाद विश्वविद्यालय का परीक्षा और एकेडमिक कैलेंडर पटरी पर लौटा है. ऐसे में समय से परीक्षाएं नहीं हुई तो फिर से सत्र विलंब होगा और इससे छात्रों को परेशानी झेलनी होगी.

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