मुजफ्फरपुर के व्यवसायियों को मोदी सरकार से बजट में बड़ी उम्मीद, जानें क्या है मांग
Budget 2025 Expectations: केंद्रीय बजट 2025 से व्यवसायियों और उद्यमियों को कई उम्मीदें हैं. उत्तर बिहार वाणिज्य एवं उद्योग परिषद ने वित्त मंत्री को कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजे हैं, जिसमें आयकर स्लैब में बढ़ोतरी, सोलर पैनल सब्सिडी और नई ट्रेन सेवाओं की मांग की गई है.
Budget 2025 Expectations: एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर व्यवसायियों और उद्यमियों को काफ़ी उम्मीद है. उत्तर बिहार वाणिज्य व उद्योग परिषद् ने केंद्रीय वित्त मंत्री को कई प्रस्ताव भेजे हैं, जिनमें विभिन्न सुविधाओं और राहतों की मांग की गई है. इन प्रस्तावों में आयकर स्लैब में छूट की सीमा बढ़ाने से लेकर, सोलर पैनल के लिए सब्सिडी बढ़ाने और महिला एवं युवाओं के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की बात भी उठाई गई है.
आयकर स्लैब में बढ़ोतरी की मांग
उत्तर बिहार वाणिज्य व उद्योग परिषद् ने केंद्रीय वित्त मंत्री से आयकर स्लैब में छूट की सीमा को बढ़ाने की अपील की है. इसके तहत पहला स्लॉट 3 लाख से बढ़ाकर 7 लाख करने की और दूसरे स्लॉट में 10 लाख तक छूट की मांग की गई है. इसके अलावा, सोलर पैनल पर भी बढ़ी हुई सब्सिडी की बात कही गई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे अपनाए.
टीडीएस और नई उद्योग नीति पर ध्यान केंद्रित
व्यवसायियों ने टीडीएस जमा करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और नए उद्योगों के लिए बजट में सब्सिडी के प्रावधान की भी अपील की है. इसके अलावा, बेरोजगारी को कम करने के लिए विशेष पैकेज देने की भी बात की गई है. महिला और युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए राहत देने का सुझाव भी दिया गया है.
नई ट्रेनों और यातायात सुधार की मांग
मुजफ्फरपुर से हावड़ा और मुंबई के लिए नई ट्रेन चलाने और वंदे भारत जैसी द्रुतगामी ट्रेनों की मांग व्यवसायियों द्वारा की गई है. इसके अलावा, समस्तीपुर और मोतिहारी से भी नई ट्रेनों के परिचालन की उम्मीद जताई गई है, ताकि व्यवसायियों को यात्रा में अधिक सहूलियत हो.
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बजट में राहत के साथ विकास की दिशा में कदम उठाने की जरूरत
बिजनेस और उद्योग को राहत देने वाले बजट का स्वागत किया जाएगा, ताकि नए उद्यमी अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकें. विभिन्न प्रकार के टैक्स में राहत की मांग की गई है, ताकि छोटे और मंझले व्यापारियों को कारोबार में आसानी हो सके. व्यवसायियों का कहना है कि इस बार का बजट न केवल उनके लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी राहत देने वाला होना चाहिए, ताकि समग्र आर्थिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें.