वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
पब्लिक (इन्वेस्टर) का पैसा लेकर अब कोई भी बिल्डर भाग नहीं सकते हैं. बिहार रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बिल्डरों को प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के दौरान अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है. नये नियम को इसी महीने से लागू किया गया है. इससे अब प्रोजेक्ट के नाम पर ग्राहकों से रुपये लेकर बिल्डर भाग नहीं सकेंगे. भागने की स्थिति में प्रमोटर व उनके सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों को उनकी राशि लौटाई जाएगी. आवंटियों के हितों का ध्यान रखते हुए बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के वक्त ही बिल्डरों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना तत्काल प्रभाव से अनिवार्य कर दिया है. बिल्डरों को यह ब्योरा शपथ पत्र के माध्यम से देना होगा. बिहार रेरा ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर ग्राहकों व बिल्डरों को इस नये प्रावधान की जानकारी दे दी है. रेरा अधिनियम के तहत प्रमोटर किसी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के समय ही अपनी कंपनी से जुड़े सभी निदेशक, पार्टनर्स या प्रमोटर्स की जानकारी देंगे. साथ ही निर्धारित फॉर्मेट में शपथ पत्र के माध्यम से अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा भी जमा कराएंगे. इसमें बिल्डर को बताना होगा कि किस राज्य, जिला, अंचल या गांव में उनकी अचल संपत्ति है. प्रॉपर्टी का मौजा, खाता व प्लॉट नंबर व क्षेत्रफल कितना है. इसकी पूरी जानकारी देनी होगी. उन्हें संपत्ति का अनुमानित मूल्य या एमवीआर भी बताना होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है