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ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से शुरू हुई जमीन की खरीद-बिक्री

ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से शुरू हुई जमीन की खरीद-बिक्री

-पहले दिन 26 ने लिया अप्वाइंटमेंट, महज 21 की ही रजिस्ट्री

-कलम की जगह अब सामने टेबल पर रखे कंप्यूटर का माउस घुमा रहें अधिकारी व कर्मचारी- जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, अब एक दिन पहले बुक कराना होगा ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट

मुजफ्फरपुर.

मुजफ्फरपुर जिला रजिस्ट्री कार्यालय में भी मंगलवार से ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से जमीन की खरीद-बिक्री शुरू हो गयी. पहले दिन 26 लोगों ने ऑनलाइन स्लॉट बुक कराया था, जिसमें से महज 21 ने जमीन की रजिस्ट्री कराई. पहला दिन होने के कारण अधिकारी से लेकर कर्मियों तक को काफी परेशानी हुई. कलम की जगह अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सामने रखे कंप्यूटर का माउस घुमा रहे थे. जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने बताया कि पहला दिन होने के कारण थोड़ी परेशानी हुई. लेकिन, यह प्रक्रिया आने वाले समय में लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. अनावश्यक पैरवी व पहुंच का भी ऑफिस के ऊपर से दबाव कम जायेगा. कारण कि जिनका पहले से स्लॉट बुक रहेगा, रजिस्ट्री उन्हीं की होगी. सीधे ऑफिस पहुंच कर दस्तावेज पेश करने से अब रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी. बताया कि धीरे-धीरे लोग जागरूक होंगे, तब रजिस्ट्री की संख्या में वृद्धि होगी. विभाग से अभी 60 से 90 का स्लॉट प्रतिदिन के लिए तय किया गया है.

रजिस्ट्री में अब डायरेक्ट ऑफिस कर्मियों की नही रहेगी कोई भूमिका

अभी डीड राइटर (कातिब) जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज तैयार करते हैं, जिसे रजिस्ट्री ऑफिस में दाखिल किया जाता है. इसके बाद पूरी जानकारी ऑफिस में तैनात स्टाफ भरते हैं. ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पब्लिक को खुद घर से या फिर साइबर कैफे में जाकर खरीद-बिक्री होने वाले जमीन की पूरी जानकारी भरनी होगी. इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होगी. ऑफिस के अधिकारी व कर्मियों की इसमें कोई भूमिका डायरेक्ट रूप में नहीं रहेगी. जल्दबाजी में अगर कोई रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो यह भी संभव नहीं होगा. इसके लिए एक दिन पहले तय स्लॉट के तहत पटना से बुक करा अप्वाइंटमेंट लेना ही पड़ेगा.

ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से रुकेगी रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा

नयी रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत जमीन की बिक्री करने वाले व्यक्ति का आधार सत्यापन जरूरी होगी. जैसे बैंक में ई-केवाईसी होता है. ठीक उसी प्रकार अंगूठा का निशान लेकर आधार नंबर का सत्यापन होगा. बिना सत्यापन अगर ऑफिस में चाहेगा, तो ई-निबंधन सॉफ्टवेयर प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ने देगा. इससे रजिस्ट्री में होने वाली फर्जीवाड़े पर ब्रेक लगेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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