विधान परिषद उपचुनाव : मतगणना में नही दिखा उतार -चढ़ाव

विधान परिषद उपचुनाव में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों की मतगणना में इस बार उतार चढ़ाव की स्थिति नहीं आयी. दरअसल वंशीधर ब्रजवासी ने पहले राउंड में जो बढ़त बनायी, उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 10, 2024 9:05 PM

मुख्य सांवाददाता, मुजफ्फरपुरविधान परिषद उपचुनाव में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों की मतगणना में इस बार उतार चढ़ाव की स्थिति नहीं आयी. दरअसल वंशीधर ब्रजवासी ने पहले राउंड में जो बढ़त बनायी, उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.राउंड दर राउंड ब्रजवासी के समर्थकों का उत्साह बढ़ता जा रहा था और बाकी प्रत्याशियों के खेमे में मायूसी दिखने लगी थी. नौवें राउंड के बाद जब नतीजे घोषित करते हुए प्रथम वरीयता के मत में ब्रजवासी को 10 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिल गई. जबकि विरोधी खेमे में निराशा दिखने लगा था.

रात में जीत हार का बन गया माहौल

हार जीत की भनक रातत्र एक बजे तक लग गई. नौवें चरण के परिणाम की घोषणा होने के साथ ही वंशीधर व्रजवासी और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी जन सुराज के डॉ विनायक गौतम को छाड़ बाकी प्रत्याशी और उनके अभिकर्ता मतगणना हॉल से निकलने लगे. सुबह पांच बजे के बाद अधिकतर प्रत्याशी और अभिकर्ता बाहर बैठकर जोड़ घटाव में जुट गये. करीब एक घंटे चाय-पानी और गपशप करते हुए समय गुजारा और आठ बजे तक सभी एमआइटी परिसर से बाहर हो गये.

दूसरी वरीयता के गिनती में था उत्साह

दूसरी वरीयता के मतों के गिनती जब सुबह शुरु हुआ तो विजयी उम्मीदवार वंशीधर व्रजवासी के समर्थक के साथ कुछ जनसुराज के साथ भी काउंटिंग हॉल के बाहर घूमते दिख रहे थे. इसका वजह यह था कि दूसरी वरीयता में आगे निकलने के बाद भी प्रथम वरीयता की खाई को पाटना असंभव हो गया था. इसके बाद प्रत्याशी और उनके समर्थक बाहर निकलने लगे. एमआईटी परिसर के बाहर प्रत्याशियों ने समर्थकों के बैठने के लिए तंबू लगा रखे थे, वे उखड़ने लगे और आसपास की चाय-पान के ठेले भी गायब होने लगे. हालांकि दोपहर तक जन सुराज का तंबू खड़ा रहा और दूसरी वरीयता के मतों की गिनती का इंतजार करता रहा. लेकिन शाम तीन बजे के बाद वहां से भी सभी निकल लिये. वंशीधर ब्रजवासी जब सुबह तैयार होने निकले तो दोबारा वे करीब एक बजे दोबारा मतगणना स्थल पर पहुंचे, तब तक उनके जीत की सूचना और जश्न का फोटो वायरल होने लगा. इसी बीच जन सुराज समर्थित उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम ने सोशल मीडिया के माध्यम से वंशीधर ब्रजवासी को करीब साढ़े 11 बजे ही बधाई दे डाली. हालांकि इन सबके बावजूद कागजी औपचारिकता पूरी होने में कई घंटे लग गये. जीत के बावजूद वंशीधर ब्रजवासी को करीब चार घंटे औपचारिक घोषणा का इंतजार करना पड़ा .

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