Bihar News: बिहार सरकार ने सड़क हादसे रोकने के लिए बनाया प्लान, सड़कों पर लगेंगे कैट आई और रिफ्लेक्टिव टेप
Bihar News: सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिहार की सड़कों पर कैट आई और रिफ्लेक्टिव टेप लगाया जाएगा. इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने दिशा-निर्देश जारी किया है.
Bihar News: सर्दी के मौसम में कोहरे और धुंध के कारण वाहनों के आपस में टकराने की घटनाएं शुरू हो गई हैं. ऐसे हादसों पर काबू पाने के लिए बिहार सरकार ने नई योजना बनाई है. इसके तहत सड़कों पर कैट आई के साथ रिफ्लेक्टिव टेप लगाया जाएगा। पथ निर्माण विभाग, पटना ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है. इस संबंध में विभाग के मुख्य अभियंता (कार्य प्रबंधन) सुनील कुमार सिन्हा ने पथ निर्माण विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं, कार्यपालक अभियंताओं के साथ बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड और एनएचएआई के क्षेत्रीय पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
सुरक्षा इंतजाम करने के दिए गए निर्देश
पत्र में बताया गया है कि सड़क सुरक्षा पर गठित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी राज्य में सड़क हादसों में हो रही मौतों को गंभीरता से लेती है. सर्दी के मौसम में कोहरे और धुंध के कारण सड़कों पर विजिबलिटी कम हो जाती है. जिसके कारण दुर्घटनाएं होती हैं. इसे कम करने के लिए सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं.
इन बिंदुओं पर पर करना है काम
- मानकों के अनुसार सड़कों पर लेन मार्किंग कराना
- सड़कों पर कैट्स आइ के साथ मीडियन मार्कर
- सड़क के आसपास स्थित मकानों व पेड़ के निकट ऑब्जेक्ट हजार्ड मार्कर
- रेट्रो रिफलेक्टिव टेप
- सूचनात्मक व चेतावनी संबंधित सड़क सुरक्षा चिन्ह लगाना व मरम्मत
- मानकों के अनुसार पुल-पुलिया के पास क्रश बैरियर का निर्माण कराना
- निर्माणाधीन पथों में वर्क जोन सेफ्टी व ट्रैफिक मैनेजमेंट करना
क्या होता है, कैट्स आई
कैट्स आई रिफ्लेक्टिव रोड स्टड हैं जो रात में ड्राइवरों के लिए सड़क की सीमाओं को रोशन करने में मदद करते हैं. वे उन सड़कों पर सबसे अधिक प्रचलित हैं जहां स्ट्रीट लाइटिंग उपलब्ध नहीं है, जिसमें दोनों तरफ सड़क के किनारे, बीच में सड़क विभाजन और किसी भी लेन परिवर्तन या स्लिप रोड को संकेत देना शामिल है. हाल ही में, मुजफ्फरपुर की प्रमुख सड़कों से सफेद पट्टियां, कैट्स आई और रिफ्लेक्टर गायब हो गए हैं. कोहरा भी शुरू हो गया है. ऐसे में रात में यात्रा के दौरान दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
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