मुजफ्फरपुर.
शहर की चर्चित एमबीए छात्रा यशी सिंह अपहरण कांड में सीबीआइ ने जांच तेज कर दी है. 10 जनवरी को हाइकोर्ट में केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट देने से पहले सीबीआइ ठोस सुराग जुटा रही है. सीबीआइ की टीम गोपनीय तरीके से शहर कई जगहों पर सुराग तलाश रही है. सीबीआइ ने पिछली सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट को बताया था कि परिजन, कॉलेज व आसपास के लोगों से पूछताछ में कुछ सुराग हासिल हुए हैं, इस बिंदु पर आगे की जांच की जा रही है. चर्चा है कि सीबीआइ की टीम पिछले एक सप्ताह में शहर के अलग- अलग कई इलाकों में देखी गयी है. हालांकि, सीबीआइ के पदाधिकारी अनुसंधान प्रभावित नहीं हो इसको लेकर कुछ भी आधिकारिक रूप से बोलने से परहेज कर रही है. हाइकोर्ट में वादी पक्ष के अधिवक्ता अरविंद कुमार का कहना है कि यशी सिंह अपहरण कांड की 10 जनवरी को सुनवाई होनी है. इस दौरान सीबीआइ की ओर से केस का प्रोग्रेस रिपोर्ट दी जाएगी. जानकारी हो कि , सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर चौक से 12 दिसंबर 2022 को एमबीए की छात्रा यशी सिंह गायब हो गयी थी. मामले में उसके नाना राम प्रसाद राय के बयान पर अपहरण की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी दर्ज होने के एक साल बाद भी पुलिस यशी सिंह को नहीं खोज पायी. यशी सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव करके हैंडल करने के मामले में पुलिस दो महिलाओं को गिरफ्तार करके जेल भेजी थी. इसके अलावा एक संदिग्ध को थाने पर लाकर पूछताछ की थी. इसके बाद भी यशी का कुछ सुराग नहीं मिला तो उसके परिजनों ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस बीच जिला पुलिस से यह केस को सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया. पहले जिला पुलिस की ओर से यशी सिंह की बरामदगी में सहयोग करने वाले या इसकी सूचना देने वाले के लिए 50 हजार इनाम घोषित किया था. लेकिन, अब उसको बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है. सीआइडी भी डेढ़ साल की जांच के बाद जब एशी सिंह को नहीं खोज पायी तो केस को सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया गया. पिछले दो माह से सीबीआइ जांच कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है