Khushi Kidnapping Case: मुजफ्फरपुर शहर की चर्चित छह वर्षीय मासूम खुशी अपहरण कांड की जांच को लेकर शुक्रवार की शाम सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर आइपीएस राजीव रंजन के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम पमरिया टोला पहुंची. खुशी के घर पर जाकर उसके पिता- माता से डेढ़ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है. ज्वाइंट डायरेक्टर ने खुशी के परिजनों के सामने केस के आइओ से अब तक की छानबीन के बारे में जानकारी ली. पूर्व में आइओ के द्वारा खुशी के पिता, मां, दादा, दादी व परिवार के अन्य सदस्यों से ली गयी बयान की कॉपी भी ज्वाइंट डायरेक्टर ने देखी है.
जहां से गायब हुई खुशी, वहां भी गई टीम
सीबीआइ की टीम में शामिल पदाधिकारी जिस जगह से खुशी गायब हुई थी वहां भी जाकर देखा. वहां से राजन साह के घर पर आने के रास्ते के बारे में भी जानकारी ली है. खुशी के पिता राजन साह का कहना है कि जब सीबीआइ को केस जांच की जिम्मेवारी मिली थी उस समय भी वह सीबीआइ के अधिकारियों को कहा था कि उसकी बेटी को जिंदा या मुर्दा खोज कर ला दे.
शुक्रवार को जब ज्वाइंट डायरेक्टर आइपीस राजीव रंजन उनके घर पर आए हैं, तो उनके सामने भी उसने यही बात कही हैं. उसको जिस पर संदेह है, पहले ही सीबीआइ को इसके बारे में जानकारी दे दी है. वह बेटी की बरामदगी के लिए सीबीआइ को हर संभव अनुसंधान में मदद करने की बात पहले भी कही थी और आज भी कही है. हालांकि, सीबीआइ की ओर से राजन साह व उसके परिवार के सदस्यों से क्या- क्या पूछताछ की गयी है इस संबंध में कुछ भी सीबीआइ की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.
पांच सदस्यीय टीम के सात पहुंचे ज्वाइंट डायरेक्टर
जानकारी हो कि सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर आइपीएस राजीव रंजन शुक्रवार की शाम 5: 20 बजे पांच सदस्यीय टीम के साथ ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी चौक स्थित पमरिया टोला पहुंचे. पहले राजन साह से उनके घर के बाहर 15 मिनट तक पूछताछ की . फिर, सीबीआइ की टीम उनके घर के अंदर चली गयी. वहां राजन साह व उनकी पत्नी से खुशी के गायब होने के संबंध में जानकारी ली है. इसके बाद टीम लौट गयी है.
संभावना जतायी जा रही है कि अभी सीबीआइ की टीम शहर में ही कैंप करके खुशी की खोजबीन के लिए अनुसंधान तेज करेगी. इससे पहले सीबीआइ की ओर से खुशी के बारे में कुछ भी जानकारी देने वाले के लिए पांच लाख इनाम की भी घोषणा की जा चुकी है.
हाइकोर्ट में सीबीआइ व एसएसपी के खिलाफ अवमानना वाद किया गया है दायर
खुशी के पिता राजन साह के अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार की ओर से बीते पांच जुलाई को सीबीआइ व एसएसपी के खिलाफ अवमानना वाद दायर किया गया था. इसमें अधिवक्ता की ओर से बताया था कि हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में पांच दिसंबर 2022 को ब्रह्मपुरा पुलिस ने सीबीआइ को केस सौंपा था. न्यायालय ने सीबीआइ को आदेश दिया था कि प्राथमिकता के आधार पर इस केस का अनुसंधान करेंगे. लेकिन, 15 महीना बाद भी कोई नतीजा नहीं आयी.
दूसरी ओर एसएसपी मुजफ्फरपुर को भी कोर्ट ने आदेश दिया था इस कांड में जिला पुलिस के जितने भी अनुसंधानकर्ता व सुपरवाइजिंग ऑफिसर रहे हैं, उनको चिन्हित करके उचित कार्रवाई करें. लेकिन, एसएसपी की ओर से इसका अनुपालन नहीं किया गया था. जिसको अनुपालन करवाने के लिए अधिवक्ता ओमप्रकाश की ओर से कोर्ट में अवमानना वाद दायर किया गया था.
क्या है मामला
16 फरवरी 2021 को लक्ष्मी चौक स्थित सरस्वती पूजा पंडाल से खुशी गायब हो गयी थी. मामले में उसके पिता राजन साह ने ब्रह्मपुरा थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ब्रह्मपुरा पुलिस पहले जांच को गंभीरता से नहीं लिया. जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पुलिस एक्टिव हुई. चार जिलों में जाकर छानबीन की. सेंट्रल जेल में बंद आरोपित अमन व संदिग्ध राहुल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया. लेकिन, कुछ सुराग नहीं मिला तो मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया. सीबीआइ ने राजन साह का भी बाद में पॉलीग्राफी टेस्ट कराया था.