-शिक्षा विभाग ने जारी किया शिड्यूल, पांच स्लॉट में होगा प्रमाणपत्रों का सत्यापन
मुजफ्फरपुर.
बीपीएससी की ओर से आयोजित बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियुक्ति में सफल हुए अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने शिड्यूल जारी कर दिया गया है. अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए अपने पदस्थापन के जिले में ही उपस्थित होना है. डीआरसीसी में प्रमाणपत्रों की जांच की जायेगी. इसके लिए अलग-अलग पांच स्लॉट निर्धारित किय गया है. सुबह नौ बजे से शुरू होकर पांच बजे तक सत्यापन होगा. पहला स्लॉट सुबह 9 से 10.30, दूसरा स्लॉट 10.30 से 12 बजे, तीसरा स्लाॅट 12 से 1.30, चौथा स्लॉट 2 से 3.30 व पांचवां स्लॉट 3.30 से 5 बजे तक चलेगा. नौ से 13 दिसंबर तक प्रधान शिक्षकों और 12 व 13 दिसंबर को प्रधानाध्यापकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जायेगा. अभ्यर्थियों को स्लॉट की जानकारी मुख्यालय स्तर से मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी. शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर तिथि व स्लॉटवार अभ्यर्थियों की सूची अपलोड की जायेगी.रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर रखना होगा :
अभ्यर्थियों को कहा गया है कि प्रमाणपत्रों के सत्यापन के दौरान रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर साथ में रखना अनिवार्य होगा. उसपर ओटीपी आयेगा. इसके बाद ही सत्यापन के काम शुरू होंगे. सत्यापन में शामिल होने वाले शिक्षक एक दिन के लिए ऑफिशियल ड्यूटी पर जाने जायेंगे. निर्धारित टाइम व स्लॉट में ही अभ्यर्थियों का सत्यापन हो सकेगा. यदि कोई अभ्यर्थी काउंसेलिंग में शामिल नहीं होता है तो उनके लिए अलग से शिड्यूल बनेगा.अभ्यर्थी ये प्रमाणपत्र साथ लायें
अभ्यर्थियों को सत्यापन के दौरान बीपीएससी की प्रधान शिक्षक नियुक्ति परीक्षा-2024 का मूल प्रवेश पत्र की स्वअभिप्रमाणित प्रति, मूल आधार प्रमाणपत्र व उसकी स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति, सभी शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की मूल व आयोग के वेबसाइट पर अपलोड प्रमाणपत्रों की डाउनलोड प्रति जिसमें बीपीएससी का वाटरमार्क प्रदर्शित हो, डीइओ से जारी न्यूनतम आठ वर्षों का शिक्षण अनुभव का प्रमाणपत्र, परीक्षा के समय दी गयी तस्वीर की तीन पासपोर्ट आकार की प्रति, आरक्षण दावा से संबंधित मूल प्रमाणपत्र, जन्मतिथि में छूट यदि लागू हो, पैन कार्ड की स्वअभिप्रमाणित छाया प्रति लेकर आना है.
सत्यापन के बाद ये रिमार्क्स दर्ज होगा
सत्यापन के लिए विभाग की ओर से कर्मचारियों को भी निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि जांच के क्रम में चार स्थिति उत्पन्न हो सकती है. सत्यापन के बाद प्रमाणपत्र मिलान के बाद सही पाया गया, प्रमाणपत्र संदेहास्पद पाया गया, प्रथम दृष्टया फर्जी पाया गया या अभ्यर्थी अपना मूल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है