एक टीका से रोका जा सकता है सर्वाइकल कैंसर को
सर्वाइकल कैंसर जागरूकता सेमिनार
मुजफ्फरपुर. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे ज्यादा कैंसर है. बिहार में हर साल पंद्रह हजार से ज्यादा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पाया जा रहा है. इन महिलाओं में ज्यादातर एडवांस स्टेज के कैंसर पाए जा रहे हैं. पचास प्रतिशत महिलाओं की मौत एक साल के भीतर हो जाती है. अब इस तरह के कैंसर को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है. सर्वाइकल कैंसर एक ह्यूमन पापीलोमा वायरस नामक वायरस से होता है. इस प्रकार के वायरस के लिए अब एक टीका उपलब्ध हो गया है जो सर्वाइकल कैंसर को पूरी तरह से रोक सकता है. अगर 9 से 14 साल की बेटियों को इस टीके के दो डोज छह महीने में लगाया जाए तो सेफ्टी के ख्याल से बेहतर होगा. ये बातें लायनेस क्लब, रोटरी क्लब ऑफ युगल, इनरव्हील लिच्छवी, इनरव्हील सृजन, मुजफ्फरपुर माहेश्वरी महिला संगठन, रोटरी क्लब ऑफ मुजफ्फरपुर, मारवाड़ी महिला मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सर्वाइकल कैंसर जागरूकता सेमिनार में डॉ रविकांत सिंह ने कही. सेमिनार का संचालन करते हुए डॉ श्रुति बंका ने कहा कि भारत में सर्वाइकल कैंसर से प्रत्येक 8 मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है. महिलाओं में क्रमशः सर्वाइकल कैंसर, वेजाइनल कैंसर, वल्वर कैंसर, एनल कैंसर, जेनिटल कैंसर पाया जाता है.सेमिनार में मुख्य रूप से डॉ श्रुति बंका, अलका अग्रवाल, मीता अग्रवाल, डॉ अमृता, स्मृति बाला, माला सिन्हा, मीरा श्रीवास्तव, नुपुर दीपक, मृदुला सिंह, मीरा चौधरी, आत्रेई सौरभ , डॉ प्रियंवदा दास, रोटरी क्लब ऑफ लिच्छवी से सुधीर कुमार आदि उपस्थित थी.
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