मुजफ्फरपुर में लीची ढुलाई के लिए नये रेलवे प्वाइंट पर अव्यवस्था, व्यापारियों ने किया हंगामा
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की ओर से लीची ढुलाई के लिए बनाए गए नए प्वाइंट पर जगह की कमी के कारण अफरा-तफरी मच गई, सड़क पर चालान काटे जाने से व्यापारी नाराज हो गए
मुजफ्फरपुर में ट्रेन से बाहर लीची भेजने के तैयारियों की पोल खुलने लगी है. दूसरे दिन ही बुधवार को रेलवे की ओर से तैयार की गयी, लीची ढुलाई की जगह पर अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी. पिकअप और टेंपो से लीची लेकर पहुंचे किसान से लेकर व्यापारियों ने जम कर हंगामा किया. व्यापारी काफी आक्रोशित थे, कि लीची लदे वाहनों को लगाने की जगह नहीं थी. दामोदरपुर के व्यापारी मोहम्मद अली, रामबाबू पासवान, मोहम्मद वकील ने बताया कि जगह नहीं होने के कारण कुछ किसानों ने सदर अस्पताल रोड में गाड़ी खड़ी, जिनका फोटो खींच कर चालान जारी कर दिया गया है.
दूसरी ओर सदर अस्पताल की ओर से रेलवे के द्वारा लीची की ढुलाई को लेकर जो जगह तैयार किया गया है. वहां जगह कम है. मुहाना भी काफी छोटा है, दो से चार लीची की गाड़ी खड़ी हो जाने पर खाली गाड़ी का निकलना मुश्किल हो जाता है. शाम के समय भी रेलवे के पार्सल कर्मियों के साथ व्यापारियों की बहस हुई, जिसके बाद दोबारा हंगामा की स्थिति उत्पन्न हो गयी. जबकि लीची को लेकर सोनपुर मंडल से लेकर मुजफ्फरपुर तक बीते एक माह से तैयारी चल रही थी. बता दें कि सदर अस्पताल रोड की ओर से इस बार लीची के लिये नया पॉइंट बनाया गया है.
ट्रैफिक डीएसपी से मिलने पहुंचे संघ के अध्यक्ष
रेलवे की जगह पर अव्यवस्था की स्थिति की जानकारी होने पर बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह भी पहुंचे. चालान कटने के मुद्द पर वे ट्रैफिक डीएसपी से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे. हालांकि वे कार्यालय में नहीं थे. इस मामले को लेकर संघ गुरुवार को भी अपनी समस्या रखेंगे. संघ के अध्यक्ष ने बताया कि एंट्री गेट छोटा होने के कारण काफी परेशानी हो रही है. इसकी चौड़ाई बढ़ाने के लिए रेलवे के अधिकारियों से अनुरोध किया गया था. लेकिन नहीं हुआ, अब इस मामले को सोनपुर मंडल के डीआरएम के समक्ष रखने की तैयारी है.
दूसरे दिन 22 टन से अधिक मुंबई भेजी गयी शाही लीची
पवन एक्सप्रेस में लगे पार्सल वैन की क्षमता 23 टन है. वहीं दूसरे दिन आरएमएस के नये पॉइंट से 22 टन से अधिक लीची भेजी गयी. गुरुवार से लीची के वाहनों की संख्या और बढ़ेगी. ऐसे में कम जगह में इसे व्यवस्थित करना बड़ी चुनौती है. बता दें कि इसी मामले को लेकर बीते दिनों सीनियर डीसीएम भी मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. उसके बावजूद अभी भी तैयारी अधूरी है.