घर में रहकर खेलकूद करनेवाले बच्चों को भी एइएस
घर में रहकर खेलकूद करनेवाले बच्चों को भी एइएस
-डॉक्टरों ने कहा-एस्बेस्ट्स वाले घरों का तापमान रात में भी नहीं होता है कम-बच्चों को नहीं लगा था जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका मुजफ्फरपुर. जिला में एइएस से वह बच्चे भी पीड़ित हो रहे हैं, जो घर में रहकर खेलकूद करते हैं. एसकेएमसीएच के पीकू में एइएस से पीड़ित होकर आये दर्जन भर बच्चों के परिजनों ने डॉक्टरों को बताया कि उनके बच्चे घर में ही रहते हैं. उन्हें धूप में बाहर खेलने भी नहीं भेजते हैं. तब पर भी वे बीमार पड़ गये. घर में भी रहने पर बच्चों को चमकी बुखार हुआ और फिर एइएस पीड़ित हो गये. हालांकि पीड़ित बच्चे दो दिन में स्वस्थ होकर अपने घर लौट गये हैं. इसी बीच चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम ने अपनी एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में उन्होंने इशारा किया है कि एस्बेस्ट्स के घरों में रहना भी इस बीमारी का एक कारण हो सकता है. डॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगातार हो रही बीमारी में कुपोषण और जागरूकता की कमी और एसबेस्ट्स (सीमेंट से बनी) की छत के नीचे रहना भी बड़ा कारण है. इन घरों का तापमान रात में भी कम नहीं हो पाता है. एसबेस्ट्स की छत के नीचे रहने वाले अधिकतर बच्चे उमस भरी गर्मी की चपेट में आने के बाद चमकी बुखार से पीड़ित हुए हैं. डॉक्टरों ने यह भी पाया कि चमकी बुखार की चपेट में आए इलाके के बच्चों को जापानी इंसेफेलाइटिस का वैक्सीन (टीका) नहीं लगाया गया था. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मस्तिष्क प्रभावित होता है और इसका सबसे ज्यादा असर 10 साल से कम बच्चों पर ज्यादा होता है.
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