लगातार मिल रहीं शिकायतें, बिचौलियों से मुक्त नहीं हो पा रहा कार्यालय
मुजफ्फरपुर.
अंचल में पदास्थापित पदाधिकारी व कर्मियों का व्यवहार आमलोगों के प्रति बहुत खराब है. वहीं कई अंचल कार्यालय में बिचौलियों का बोलबाला, बिना उनके सहयोग के कोई काम नहीं हो रहा है. इस कारण लोगों में नाराजगी की सूचना लगातार विभाग को मिल रही है. यह बातें राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा सीओ के राज्यस्तरीय बैठक में सामने आयी. इसमें सभी सीओ को सख्त निर्देश दिये गये कि वह अपने अंचल कार्यालय व राजस्व कर्मी के कार्यालय को बिचौलिये से मुक्त करायें. जांच के क्रम में या अन्य किसी माध्यम से विभाग के संज्ञान में आता है जिसमें किसी पदाधिकारी या कर्मी द्वारा गलत तरीका अपनाया जा रहा है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी. दाखिल खारिज में वैशाली के भगवानपुर में मामलों का निष्पादन औसत से कम होने पर सभी संबंधित सीओ से स्पष्टीकरण पूछने और जवाब संतोषजनक नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये गये. वहीं जहां निष्पादन का प्रतिशत अधिक है, वहां रिजेक्शन के मामले बढ़ने की बात सामने आयी. इस पर निर्देश दिया गया कि बिना उचित कारण के मामले रिजेक्ट ना करे, ऐसा करने पर उन सीओ से स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये गये. वहीं इ-मापी में वैशाली के देसरी अंचल द्वारा एक कार्य का निष्पादन नहीं करने, पश्चिमी चंपारण के भिट्ठा में 2.44 प्रतिशत निष्पादन पर नाराजगी जताते हुए संबंधित से स्पष्टीकरण के निर्देश दिये गये.परिमार्जन कम, पदाधिकारी व कर्मी को शोकॉज
भू-लगान में जिस जमाबंदी का लगान निर्धारण नहीं हुआ उसकी खोज कर लगान निर्धारण करने को कहा गया. वहीं पूर्वी चंपारण के अरेराज में परिमार्जन के निष्पादन कम होने पर संबंधित पदाधिकारी व कर्मी से स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये गये. जमाबंदी की जांच में जिस सरकारी जमीन पर गलत ढंग से जमाबंदी की गयी है, उसकी जांच करें. जांच में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित पदाधिकारी व कर्मी पर एफआइआर दर्ज करायें, अगर गड़बड़ करने वाले रिटायर्ड हो चुके हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाये.152 सीओ में से 141 ही आए, मांगा स्पष्टीकरण
शिवहर के डुमरी कटसारी में 178 मामले, वैशाली के भगवानपुर में 535, दरभंगा में 337 मामले बिना किसी कारण के लंबित मिले. वहीं अभियान रैन बसेरा के तहत पूर्वी चंपारण के अदापुर व बनकटवा, समस्तीपुर के बिठन में अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं कराये जाने पर नाराजगी जतायी गयी. इस बैठक में प्रत्येक जिले से चार सीओ को बुलाया गया था, जिसमें कुल 152 में 141 ही उपस्थित हुए. अनुपस्थित सीओ से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया. इसमें चकिया पूर्वी चंपारण, बाबू बरही व राजगनर मधुबनी, गायघाट मुजफ्फरपुर के सीओ का नाम शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है