वर्ष 2017 में नियम में हुए संशोधन के साथ बिहार राज्य आवास बोर्ड की तरफ से जारी किया गाइडलाइन
मुजफ्फरपुर.
सरकार की तरफ से राज्य आवास बोर्ड की संपत्तियों को फ्री होल्ड करने के बावजूद अंचल अधिकारी के स्तर से दाखिल-खारिज करने में हीलाहवाली की जा रही है. इस तरह के मामले के प्रकाश में आने के बाद सरकार की तरफ से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया गया है. वर्ष 2017 में बिहार राज्य आवास बोर्ड की संपदाओं का फ्री-होल्ड करने को लेकर संशोधित किये गये एक्ट का हवाला दिया गया है. सीओ को दाखिल-खारिज में किसी भी तरह का अड़ंगा नहीं डालने को कहा गया है. वहीं, नगर निगम को भी नामांतरण कर होल्डिंग टैक्स तय करने को कहा गया है. ताकि, नगर निकायों को अधिक से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली हो सके. आवास बोर्ड की 252वीं बैठक में एक्ट को संशोधित करने की मंजूरी मिली थी. इससे पूर्व में आवंटित और भविष्य में आवंटित होने वाली बोर्ड की संपत्तियों को एक बार परिवर्तन प्रभार शुल्क लेकर फ्री होल्ड कर दिया जायेगा. आवास बोर्ड लीज होल्ड को फ्री होल्ड में बदलने के लिए इलाके के एमवीआर (सर्किल रेट) का दस फीसदी रकम चुकानी पड़ती है. जमीन, उस पर अवस्थित मकान और फ्लैट का मूल्यांकन वर्तमान एमवीआर की दर पर होता है. सामान्य रजिस्ट्री की तरह आवास बोर्ड की जमीन की भी रजिस्ट्री होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है