मुजफ्फरपुर. शहरी क्षेत्र में अगर आप जमीन की खरीदारी कर अंचल कार्यालय से दाखिल-खारिज कराने के बाद नगर निगम से जमीन का नामांतरण कराना भूल गये हैं. तब जल्दी से नामांतरण करा लें. ऐसा नहीं करने पर उक्त जमीन पर आप मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराना चाहेंगे, तब निगम से स्वीकृति नहीं मिल सकेगी.
वहीं, बाद में नामांतरण कराते हुए नगर निगम से प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर रसीद लेंगे, तब जिस तिथि को जमीन की रजिस्ट्री हुई है. उसी तिथि से जुर्माना के साथ नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली करेगा. यानी, जमीन का प्लॉट खाली भी है, तब भी नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स की वसूल करेगा. नये सिरे से शहरी क्षेत्र में चल रहे प्रॉपर्टी सर्वे के बाद इस तरह की शिकायतें लगभग सभी वार्डों से आ रही है.पांच से दस साल पहले जमीन की रजिस्ट्री कराये लोग अभी नगर निगम में नामांतरण के लिए आवेदन कर रहे हैं. नामांतरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उनका डिटेल नगर निगम अपने वेबसाइट पर पूरी जानकारी के साथ जैसे ही रजिस्ट्री का साल दर्ज करता है. सिस्टम ऑटोमेटिक तब से अब तक का प्रॉपर्टी टैक्स जुर्माना के साथ जोड़ ले रहा है.
नये सिरे से असेसमेंट के बाद निगम के पास पूरी जानकारी
टैक्स शाखा के प्रभारी सुशील कुमार के अनुसार, नये सिरे से हो रहे असेसमेंट के बाद नगर निगम के पास किस वार्ड में कौन-कौन सा प्लॉट खाली है. इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध हो गयी है. खाली जमीन पर दो तरह से टैक्स की वसूल हो रही है. केवाला की तिथि या फिर मकान बनाने के लिए होने वाले बिजली कनेक्शन की तिथि से. जिनका पहले से निगम से रसीद कट रहा है, उन्हें तो आसानी से बिजली कनेक्शन मिल जा रही है. नक्शा स्वीकृति के लिए निगम की करेंट रसीद की आवश्यकता होती है. यह तब कटेगा, जब उक्त जमीन का नामांतरण जमीन का मालिकाना हक रखने वाले व्यक्ति के नाम पर होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है