मुआवजा नहीं लिया, राशि प्राधिकार में जमा

मुआवजा नहीं लिया, राशि प्राधिकार में जमा

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 10:36 PM

विवाद

-एश डाइक पाइपलाइन के लिए अर्जित जमीन का मामला

-भू-अर्जन अधिकारी को दिये निर्देश, भू-धारियों से करें बात

मुजफ्फरपुर.

कांटी एनटीपीसी के ऐश डाइक पाइपलाइन के निर्माण के लिए अर्जित जमीन मामले में, कुछ भू-धारियों ने मुआवजा लेने से मना कर दिया. इसके बाद मुआवजा राशि 1.58 करोड़ रुपये को प्राधिकार में जमा कर दिया गया है. पाइपलाइन करीब आठ किलोमीटर तक बना दी गयी है. लेकिन पिछले छह माह से भूमि विवाद के कारण तीन किलोमीटर का पेच फंसा हुआ है.

इस कारण निर्माण कार्य पूरी तरह बाधित है. एनटीपीसी ने काम शुरू करने का प्रयास किया जाता है तो भू-धारी विरोध करने लगते हैं. इस कारण काम को रोकना पड़ता है. इसे लेकर कई बार एनटीपीसी की ओर से प्रशासनिक पदाधिकारियों को पत्र भी भेजा गया, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी. पिछले दिनों डीएम की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक में यह मुद्दा उठा. एनटीपीसी के अधिकारी ने वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत कराया. इसपर डीएम ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से जानकारी मांगी. उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. कुछ भू-धारी मुआवजा लेने से इंकार कर रहे हैं. कई बार उनलोगों को विभागीय नियम बताये गये. इसके बाद भी कमेटी द्वारा तय किए गये दर से वे संतुष्ट नहीं है. भू-धारियों की मांग है कि उन्हें मुआवजा की राशि बढ़ाकर मिलनी चाहिए. जबकि जो राशि तय है, वह कमेटी के द्वारा विभागीय नियम के अनुसार की गयी थी. मुआवजा राशि नहीं लेने पर करीब 1.58 करोड़ रुपये प्राधिकार में जमा कर दिया गया है. डीएम जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को अपने स्तर से भू-धारियों से बात कर इस मामले को सुलझाने का निर्देश दिया है

कटरा के बसघट्टा में 38 रैयत से लेंगे 0.52687 एकड़ जमीन

मुजफ्फरपुर. बागमती विस्तारीकरण परियोजना को लेकर कटरा प्रखंड के बसघट्टा में 0.52687 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होगा. इसकी अधिसूचना बागमती प्रमंडल ने जारी कर दी है. इसमें 38 रैयत शामिल हैं, जिनकी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. बागमती प्रमंडल की ओर से जिला भू-अर्जन कार्यालय को भी इसकी सूचना दी गयी है. उन सभी रैयतों का नाम, उनकी जमीन का खाता, खेसरा संख्या व रकबा भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि इससे संबंधितों को अवगत कराया जा सके. अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व एक महीने का समय रैयतों को दिया गया है. इस बीच वे सहमति और आपत्ति से संबंधित आवेदन दे सकेंगे. अगर किसी को अधिग्रहण से आपत्ति होगी तो वे भी आवेदन देंगे. इसपर उनकी बातों और समस्याओं को सुना जायेगा. उन सभी को आवश्यक सहयोग किया जायेगा.

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