मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आयी.मामला शनिवार की दोपहर का है. स्वास्थ्य मंत्री को आने के लेकर एसकेएमसीएच प्रबंधन पूरे तरह अलर्ट था. इसी बीच इमरजेंसी में कार की ठोकर से एक घायल बच्चा पहुंचा. उसकी पहचान कांटी थाना क्षेत्र के कलवारी के रहने वाला उमेश सहनी के 10 वर्षीय पुत्र रवि कुमार के रूप में की गयी. शनिवार की सुबह 11 बजे एक कार ने ठोकर मार दिया. जिससे उसका बायां हाथ पूरी तरह कट चुका था. परिजन उसे एसकेएमसीएच लेकर 12 बजे पहुंचे. इमरजेंसी के डॉक्टर ने बिना प्राथमिक इलाज के लिए ही उसे सीटी स्कैन के लिए भेज दिया. करीब 3 बजे सीटी स्कैन करा कर डॉक्टर के पास गये. लेकिन डॉक्टर मरीज को देखने से इनकार कर दिया. जख्मी बच्चे की मां डॉक्टर के पैर पकड़ कर रोने लगी. इसके बाद भी डॉक्टर का दिल नहीं पिघला. वहीं एक इंटर्न डॉक्टर ने अपनी पहचान छुपाते हुए बताया कि बड़ा मामला था. हमलोग के समझ के बाहर का था. कोई सीनियर डॉक्टर नहीं थे. इसके बाद परिजन ने मैनेजर को शिकायत की. इसके बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आया. इसकी शिकायत अधीक्षक को एक जनप्रतिनिधि ने कॉल कर की. उन्होंने स्वास्थ्य प्रबधंक को इलाज कराने के लिए कहा. स्वास्थ्य प्रबंधक ने बिना बच्चे को खोजे अधीक्षक को बता दिया कि मरीज नहीं है. हालांकि, मरीज के परिजन की माने तो उसका मरीज इमरजेंसी में ही था. इसके बाद कांटी के पूर्व मंत्री पहुंचे. उनके पहुंचने के बाद तक कोई सीनियर डॉक्टर नहीं थे. उन्होंने भी ताज्जुब जताया कि तीन घंटे बीतने के बाद भी उसका प्राथमिक उपचार तो दूर ड्रेसिंग तक नहीं हुआ. इधर, पूर्व मंत्री के पहुंचने के बाद डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद पटना रेफर कर दिया. इसकी शिकायत पूर्व मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से भी की है. मंत्री ने अधीक्षक को चेतावनी देते हुए डॉक्टर पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. एसकेएमसीएच अधीक्षक प्रो. डॉ. कुमारी विभा ने बताया कि जांच कमेटी का गठन किया जायेगा. दोषी पाए जाने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है