राज्य में ग्राम पंचायत व्यवस्था में सरपंचों के अधिकार बढ़ाये जाने के बाद अब इस पद के लिए भी दावेदारों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी है. इसके पहले के पंचायत चुनावों में सरपंच के पद को लेकर प्रत्याशियों में कोई खास उत्साह नहीं रहता था. प्रत्याशी न मिलने की वजह से बड़ी संख्या में पद खाली रह जाते थे
मुजफ्फरपुर के जिले के मड़वन और सरैया में नामांकन का काम पूरा हो चुका है. दोनों प्रखंडों में सरपंच पद के लिए भी बड़ी संख्या में नामांकन हुए हैं. सरैया में सरपंच के 29 पदों के लिए 194 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. मड़वन में 14 पदों के लिए 108 नामांकन हुए हैं. सरैया में पुरुषों से कहीं ज्यादा महिलाएं सरपंच पद की दौड़ में हैं.
कई पंचायतों में जो लोग सिर्फ मुखिया पद को लेकर पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाते रहे हैं, उसमें से कुछ का झुकाव सरपंच पद के लिए भी बढ़ता जा रहा है. जहां पिछले पंचायत चुनाव तक सरपंच पद के लिए एक पंचायत में दो से चार लोग ही नामांकन करते थे, वहीं इस बार एक पंचायत में पांच से लेकर 10-12 लोगों ने नामांकन किया है. बाहुबली
पिछली बार मीनापुर प्रखंड के चतुर्सी पंचायत से मुखिया पद का चुनाव लड़ने वाले एक प्रत्याशी इस बार भी 15 रोज पहले तक मुखिया का ही चुनाव लड़ने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा मुखिया के अधिकार में कटौती व सरपंच के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोत्तरी किये जाने की घोषणा के साथ ही इन्होंने अपना इरादा बदलते हुए सरपंच पद की तैयारी शुरू कर बैनर पोस्टर भी बदल दिया है.
सरपंचों को मिल गये तीन बड़े अधिकार– सरपंच को ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने का भी अधिकार दिया गया है. इसके साथ ही अब ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी इनके पास रहेंगी. इनके जिम्मे सड़कों के रख-रखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य भी शामिल होंगे
Posted By : Avinish Mishra