जंगली जानवर के आखेट के लिए आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन
Application at RTPS counter for hunting wild animals
मुसहरी, औराई, कटरा, सकरा व साहेबगंज में सबसे अधिक जंगली जानवर जागरूकता को लेकर पंचायत के मुखिया को लॉगिन और पासवर्ड भी दिया गया
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरफसलों को जंगली जानवरों से बचाव करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. पंचायती राज विभाग के निदेशक ने सभी जिलाधिकारी और कृषि पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी है. बताया है कि जंगली जानवरों को आखेट (मारने) का भी आदेश है. इसके लिए शूटर की तैनाती भी वन विभाग में है. इसके लिए राज्य सरकार की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. आखेट के बाद जंगली जानवरों के शव का निष्पादन करने के लिए राशि भी उपलब्ध कराने का विभागीय प्रावधान है. उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में जंगली जानवरों द्वारा अत्यधिक फसलों की बर्बादी की जाती है़ इससे किसानों को परेशानी होती है. विभाग स्तर पर पंचायतों में इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता जताई गई है, ताकि उन्हें इन जानवरों को आखेट करने के बारे में जानकारी मिल सके और वे इसका उपयोग कर सकें. इसके लिए पंचायत के मुखिया को लॉगिन और पासवर्ड भी दिया गया है. इसके अलावा आरटपीएस काउंटर से भी आवेदन किया जा सकता है. नीलगाय-बनैया सुअर के भय से जिले के कई प्रखंडों में किसान खेती छोड़ रहे हैं. इनमें मुशहरी, औराई, कटरा, सकरा व साहेबगंज प्रमुख हैं
सब्जी से लेकर अनाज तक को कर देते बर्बाद
धान की जड़ को वनैया सूअर खोद कर बरबाद कर रहे हैं, जहां धान की जड़ गीली जमीन में है, वहां पौधों को जड़ से काट कर गिरा देते हैं. मक्का, मसाला, दलहन में मूंग-उड़द और अरहर को भी खा जाते हैं आलू, केला, ओल, बैंगन, भिंडी, ओल, कद्दू को नुकसान कर देते हैं.
ऐसे करें बचाव
खेतों के चारों ओर कांटेदार झाड़ियां लगाना या बांस के मजबूत बाड़े बनाना जंगली जानवरों को रोकने का एक प्रभावी तरीका है. इसके अलावा, खेतों में गंधयुक्त तरल का छिड़काव करने से जानवर फसल के पास नहीं आते. तकनीकी विकास ने किसानों को नई उम्मीद दी है.
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