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साइबर अपराधियों को विदेश से मिल रही ठगी के नए ट्रेंड की ट्रेनिंग, 100 करोड़ से अधिक की ठगी मामले में हुआ खुलासा

साइबर अपराधियों को विदेश से ठगी के नए ट्रेंड की ट्रेनिंग मिल रही है, इनका नेटवर्क जिलेवार फैला हुआ है, पकड़े जाने से बचने के लिए वे समय-समय पर ठगी का तरीका बदलते रहते हैं, महिलाओं, लड़कियों और कम पढ़े-लिखे लोगों को अपने जाल में फंसा कर पैसा वे अपने खाते में जमा करवा लेते हैं

मुजफ्फरपुर. 100 करोड़ से अधिक की साइबर ठगी के मामले में मुजफ्फरपुर साइबर पुलिस के हत्थे चढ़े छह बदमाशों ने कई सनसनीखेज खुलासे किये हैं. पूछताछ में बताया कि साइबर शातिरों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों से ठगी के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ठगी के बाद उपयोग किये जा रहे नंबर को नष्ट करने से लेकर लोकेशन शेयरिंग व आइपी एड्रेस से ट्रेसिंग नहीं हो इसके लिए उच्च मानक के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं. इनका नेटवर्क जिलावार फैला हुआ है.

पुलिस मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त दरभंगा और मोतिहारी में भी गैंग से जुड़े अन्य शातिरों की कुंडली खंगाल रही है. पूछताछ के क्रम में शातिरों ने बताया था कि बच्चियों और महिलाओं को पैसे का लालच देकर उनका खाता बैंक में खुलवाते हैं. यहां फॉर्म भरने के समय अपना नंबर दे देते हैं ताकि बाद में ओटीपी और यूपीआइ के माध्यम से पैसे की निकासी में परेशानी नहीं हो. इन शातिरों के पास से बच्चियों के फोटो, आधार कार्ड और कई प्रमाणपत्र मिले थे. वहीं पुलिस ने जांच के क्रम में पाया था कि यह सभी करीब चार वर्षों से साइबर ठगी के खेल में लगे थे.

प्रत्येक जिले के लिए एक-एक मास्टरमाइंड

ठगी के लिए साइबर गिरोह का प्रत्येक जिले में एक-एक मास्टरमाइंड है. यह विदेश से दिये जा रहे प्रशिक्षण में ठगी के तरीकों काे सीखकर अपने अन्य साथियों को जानकारी देता है. ये इतने शातिर हैं कि मामले को अंजाम देने के बाद पकड़ में न आयें इसको लेकर सिम का इस्तेमाल कुछ दिनों तक बंद कर देते हैं. पहले बच्चियों और महिलाओं को पैसे का लालच देकर उनके खाते में मोटी रकम मंगवाते हैं.

साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज होने पर जब खाते से लेनदेन रोका जाता है तो कम पढ़े-लिखे लोगों की तलाश करते हैं. अपने परिजनों और रिश्तेदारों के खाते में भी ठगी के पैसे मंगवाते हैं. उन्हें अपने खाता में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने का बहाना बनाकर पैसे रिश्तेदारों के खाते में मंगवाये जा रहे हैं.

टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत को खंगाल रही पुलिस 

पुलिस ने जांच के क्रम में पाया है कि वर्तमान में शातिर लोगों को उनके पुत्र के रेप केस में फंसे होने के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे हैं. समय-समय पर इनके ठगी का पैटर्न बदलता रहता है. पुलिस को शातिरों ने पूछताछ के क्रम में बताया कि ये टेलीकॉम कंपनी में काम करने वालों से उपभोक्ताओं का डाटा खरीदते हैं. इसके बाद वहीं से नंबर लेकर लोगों को फोन कर धमकाते हैं. पैसे मिल जाने के बाद भी बार-बार फोन कर सत्यापन करते हैं. ऐसे में पुलिस शातिरों के साथ टेलीकॉम कंपनियों के कर्मियों की मिलीभगत के एंगल पर भी पड़ताल कर रही है.

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इनकी हुई थी गिरफ्तारी 

1. अंकित कुमार मिश्रा, ब्रह्मपुर,दरभंगा  
2. दीपक कुमार, रतनपुर , दरभंगा
3. रौशन कुमार, ब्रह्मपुर, दरभंगा
4. अरशद आलम, तुरकौलिया, पूर्वी चंपारण 
5. अमजद आलम, तुरकौलिया, पूर्वी चंपारण
6. जितेंद्र कुमार, भतहंडी, साहेबगंज, मुजफ्फरपुर 

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