डीबीआर नेटवर्किंग मामला: जेल में बंद दो आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई, केस डायरी तलब
डीबीआर नेटवर्किंग मामला: जेल में बंद दो आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई, केस डायरी तलब
मुजफ्फरपुर. डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी में जॉब के नाम पर युवक व युवतियों के शोषण व ठगी के मामले में जेल में बंद दो आरोपियों की जमानत अर्जी पर गुरुवार को एक्सक्लूसिव स्पेशल रेप व पॉक्सो कोर्ट-3 में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में केस डायरी तलब की है. केस डायरी मिलने के बाद 26 जुलाई को मामले में आगे की सुनवाई की जायेगी. इसी दिन कांड के अन्य आरोपित हृदयानंद सिंह, हरेराम कुमार राम और विजय कुमार कुशवाहा की अग्रिम जमानत अर्जी पर भी सुनवाई की जायेगी. कांड में आरोपित गोपांलगंज निवासी तिलक सिंह और उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी अजय प्रताप जेल में बंद है. दुष्कर्म के जघन्य मामलों की सुनवाई एक्सक्लुसिव स्पेशल रेप व पॉक्सो कोर्ट में की जा रही है. तिलक और अजय की जमानत पर सुनवाई के दौरान सारण की यौन शोषण पीड़िता भी कोर्ट पहुंची थी. उसने केस डायरी का नकल लेने के लिए अर्जी दी है. इधर, आइओ जीतेंद्र महतो भी शाम में केस डायरी लेकर न्यायालय पहुंचे. कंपनी के आरोपित निदेशक मनीष सिन्हा की ओर से भी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल है. मनीष सिन्हा के साथ आरोपित इनामुल हक और कन्हैया कुशवाहा की अर्जी पर 22 जुलाई को सुनवाई की जायेगी. केस के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से पीड़िता पर केस मैनेज करने का दबाव बन रहा है. पीड़िता ने इसके लिए डीजीपी को मेल से आवेदन भेजा है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि केस में नामजद आरोपी कंपनी का ऑफिस बदल कर काम कर रहे हैं. कंपनी के कंप्यूटर से पुराना डाटा भी उड़ाया जा रहा है, ताकि मामले में पुराना साक्ष्य खत्म हो जाये.
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