विद्यार्थियों के डिजीलॉकर खाते पर सीधे अपलोड हो जाएगी डिग्री
विद्यार्थियों के डिजीलॉकर खाते पर सीधे अपलोड हो जाएगी डिग्री
मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू के छात्र-छात्राओं को अब डिग्री के लिए आवेदन के बाद चक्कर नहीं लगाना होगा. विवि की ओर से शुक्रवार को डिजीलॉकर एकाउंट में डिग्री अपलोड करने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया. कुलपति प्रो.डीसी राय ने इसका उद्घाटन किया. बताया कि यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जहां छात्र-छात्राओं को डिजीलॉकर से डिग्री की सुविधा प्रदान की जाएगी. कुलपति ने कहा कि डिजीलाॅकर में स्टूडेंट्स के सभी मूल डाॅक्यूमेंट्स सुरक्षित रहेंगे. दूसरे संस्थान या राज्य में नौकरी या नामांकन के लिए जाने पर सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय काे नहीं भेजना होगा. प्रमाणपत्र को डिजीलॉकर से ही सत्यापित किया जा सकेगा. माेबाइल से भी स्टूडेंट्स डिग्री व अन्य प्रमाणपत्रों को एक्सेस कर पाएंगे. माैके पर कुलसचिव प्राे संजय कुमार, कुलानुशासक प्राे.बीएस राय, डीएसडब्ल्यू प्रो.अभय सिंह, आईक्यूएसी निदेशक प्राे.कल्याण झा, सीसीडीसी प्राे अमिता शर्मा, पीआरओ प्राे.राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्राे.टीके डे व विकास पदाधिकारी प्राे पंकज कुमार माैजूद थे. आधार नंबर से लिंक रहेगा डिजीलॉकर
डिजीलाॅकर आधार नंबर से जुड़ा रहेगा. छात्र-छात्राओं को डिजीलॉकर एकाउंट बनाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://www.digilocker.gov.in/ पर जाना होगा. यहां साइनअप का विकल्प चुनने के बाद मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, नाम के साथ कुछ बेसिक डिटेल्स देने होंगे. इसके बाद अगले स्टेप में आधार नंबर से ऑथेंटिकेट करके अकाउंट बनाना होगा. एकाउंट बनाने के बाद इमेल या मोबाइल नंबर के साथ क्रिएट किए गए पिन के साथ मोबाइल एप से भी लॉगिन किया जा सकेगा. डिजीलॉकर पर विश्वविद्यालय की डिग्री के अतिरिक्त, आधार, पैन व अन्य संस्थानों के प्रमाणपत्रों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है.
एक लाख स्टूडेंट्स का प्रोविजनल होगा अपलोडपरीक्षा नियंत्रक ने बताया कि डिजीलॉकर पर फिलहाल करीब एक लाख स्टूडेंट्स के प्रोविजनल को अपलोड किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राजभवन को सत्र 2020, 2022 और 2023 के स्टूडेंट्स के कॉन्वोकेशन डेट का प्रस्ताव भेजा गया है. यदि राजभवन की ओर से स्वीकृति मिल जाती है तो इस सत्र के विद्यार्थियों की डिग्री भी डिजीलॉकर पर उपलब्ध करा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व के छात्रों को यह सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी. इसका कारण है कि विवि के पास छात्र के मोबाइल नंबर समेत कुछ तकनीकी जानकारियां उपलब्ध नहीं होंगी. ऐसे में 2023 सत्र से प्रभावी रूप से छात्र-छात्राओं को इसकी सुविधा मिलेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है