निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को ब्लड बैंक में शुल्क देकर प्लेटलेट्स लेना पड़ रहा
मुजफ्फरपुर.
शहर व ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है. पिछले एक माह में 85 मरीज मिल चुके हैं. मलेरिया विभाग के अनुसार इस समय डेंगू के पांच मरीजों का अस्पताल में और 25 का घर पर इलाज चल रहा है. बाकी के स्वस्थ हो चुके हैं. डेंगू के बढ़ते प्रकोप के चलते प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है. ब्लड बैंकों में जहां पहले दस-बीस यूनिट प्लेटलेट्स की रोज मांग रहती थी, वहीं इस समय लगभग 40 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग है. डेंगू का मरीज यदि सरकारी अस्पताल में भर्ती है तो मरीज को नि:शुल्क प्लेटलेट्स मिल जाता है, जबकि निजी अस्पताल में भर्ती है तो उन्हें ब्लड बैंक में अलग-अलग दर पर प्लेटलेट्स लेना पड रहा है. एसकेएमसीएच ब्लड बैंक प्रभारी ने बताया कि इस समय जितने यूनिट रक्तदान होता है उसका 50 फीसदी प्लेटलेट्स बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि डेंगू संक्रमित मरीजों का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है. 25 हजार से कम प्लेटलेट्स काउंट होने पर शरीर में ब्लीड की संभावना बढ़ जाती है और मरीज खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है. हाल के दिनों में डेंगू संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के बीच प्लेटलेट्स की डिमांड भी काफी बढ़ गयी है. ब्लड बैंक सभी जरूरतमंद मरीजों को प्रत्येक रक्त ग्रुप का प्लेटलेट्स उपलब्ध कराकर मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है.चार तकनीशियन दे रहे सेवा
प्लेटलेट्स तैयार करने में ब्लड बैंक के तकनीशियन 24 घंटे सातों दिन दे रहे हैं. चार तकनीशियन बारी-बारी से अपनी-अपनी शिफ्ट में प्लेटलेट्स तैयार कर सुरक्षित रखते हैं, ताकि जरूरतमंद मरीजों को तुरंत प्लेटलेट्स उपलब्ध हो सके. तैयार प्लेटलेट्स को 22 डिग्री टेम्परेचर पर सेपरेशन में रखा जाता है. हालांकि, सेपरेशन में रखा प्लेटलेट्स 06 दिन के बाद बर्बाद हो जाता है. इसलिए आवश्यकतानुसार ही प्लेटलेट्स तकनीशियन तैयार करते हैं.दूसरे जिला के मरीज भी पहुंच रहे प्लेटलेट्स लेने
एसकेएमसीएच स्थित ब्लड बैंक से सरकारी अस्पताल में भर्ती डेंगू संक्रमित मरीज के अलावा निजी नर्सिंग होम में भर्ती और दूसरे जिला मोतिहारी, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली के डेंगू संक्रमित मरीज को भी विभिन्न ग्रुप का प्लेटलेट्स उपलब्ध कराया जा रहा है. प्लेटलेट्स के बदले एक यूनिट रक्तदान कर परिजन आराम से प्लेटलेट्स प्राप्त कर रहे हैं. अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों को नि:शुल्क जबकि किसी निजी नर्सिंग होम या दूसरे जिला से प्लेटलेट्स लेने पहुंचे परिजन से एक यूनिट रक्त के साथ 500 रुपया लेकर उसकी रसीद दी जाती है. परिजन ब्लड बैंक से विभिन्न रक्तग्रुप का प्लेटलेट्स ले जाकर मरीजों की जान बचा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है