अधिकारी की प्रताड़ना से तंग था उप डाकपाल, डाकघर में ही कर लिया आत्मदाह
मुजफ्फरपुर : आरडीएस कॉलेज स्थित उप डाकघर के उप डाकपाल संजय कुमार सिन्हा (45) ने मंगलवार की सुबह विभाग के एक अधिकारी की प्रताड़ना से तंग आकर कार्यालय में अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आग लगा कर आत्महत्या कर ली.
मुजफ्फरपुर : आरडीएस कॉलेज स्थित उप डाकघर के उप डाकपाल संजय कुमार सिन्हा (45) ने मंगलवार की सुबह विभाग के एक अधिकारी की प्रताड़ना से तंग आकर कार्यालय में अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आग लगा कर आत्महत्या कर ली. वह वैशाली जिले के पातेपुर थाना क्षेत्र के खेसराही के निवासी थे और मिठनपुरा थाना क्षेत्र के पीएंडटी इलाके में रहते थे. उन्होंने अपने कार्यालय का कमरा बंद करके खुद को आग लगायी. शव के पास से को सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें विभाग के एक अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने की बात बतायी जा रही है.
हिरासत में लेकर पुलिस कर पूछताछ
पुलिस उस अधिकारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. घटना के समय उप डाकघर में कोई भी कर्मी मौजूद नहीं था. घटना के कुछ देर बाद उनका भांजा साकेत पहुंचा. इसके बाद अन्य कर्मी भी पहुंचे. उन्होंने घटना की सूचना काजीमोहम्मदपुर पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे का दरवाजा तोड़ कर शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया. घटना की जानकारी मिलने पर संजय के परिजन भी एसकेएमसीएच पहुंचे. पुलिस का कहना है कि शुरुआती छानबीन में मामला आत्महत्या का लग रहा है. पुलिस हत्या के बिंदु पर भी जांच कर रही है. देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव उनके पैतृक आवास पर लाया गया.
अप्रैल में ट्रांसफर के लिये दिया था आवेदन
संजय कुमार ने अप्रैल में ट्रांसफर के लिये पत्र लिख था. प्रवर डाक अधीक्षक राजदेव प्रसाद ने कहा कि संजय वर्ष 2019 में गौशाला स्थिति प्रमंडलीय कार्यालय में कार्यरत थे. वहां वह क्लर्क के पद पर थे. इसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और वह सीनियर क्लर्क बनाये गये. इसके बाद उनकी पोस्टिंग आरडीएस कॉलेज स्थित उप डाकघर में उप डाकपाल के पद पर हुई. उनके द्वारा ट्रांसफर के लिए दिये गये आवेदन पर विचार किया जा रहा था. उन्हें किसी प्रकार से मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात से इनकार किया हैं. हालांकि उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है.
दो माह की छुट्टी के बाद चार दिन पहले किया था ज्वाइन
कुछ दिनों से संजय कुमार सिन्हा परेशान थे. उनके साथ काम करने वाले कर्मियों ने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 11 बजे के बाद ही कार्यालय पहुंचते थे. लेकिन मंगलवार को वह सवा दस बजे कार्यालय पहुंचे. वह दो माह से छुट्टी पर थे. 14 जून को तबीयत खराब होने की बात कह छुट्टी पर चले गये थे. शुक्रवार से उन्होंने कार्यालय आना शुरू किया था.
posted by ashish jha