मुजफ्फरपुर.
जिले में बुधवार को 19 वर्ष तक के बच्चों में कृमि मुक्ति के लिए चलाये जा रहे नेशनल डीवर्मिंग कार्यक्रम के मॉप अप राउंड की शुरुआत हुई. इसका उद्घाटन डीइओ व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके पांडे ने बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया. स्कूल के करीब दो सौ पचास बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गयी. इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि कृमि की गोली वर्ष में एक बार अवश्य खानी चाहिए. इससे कुपोषण व अन्य गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. वहीं कृमि हो ही न, इसके लिए व्यक्तिगत व हाथों की सफाई का ख्याल अवश्य रखना चाहिए. मिट्टी से ज्यादा संपर्क व नाखून की गंदगी भी कृमि होने के मुख्य कारणों में से एक है.स्वच्छता में चूक, कृमि को निमंत्रण
कृमि के कारण बच्चों व किशोर-किशोरियों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा, एनीमिया, कुपोषण और स्कूलों में अनुपस्थिति जैसी समस्या देखने को मिलती है. डीआइओ ने बताया कि कृमि एक परजीवी है जो मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्वों को खाते हैं. उन्होंने बताया कि संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं. खुले में शौच करने से ये अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते हैं. स्वस्थ बच्चों के नंगे पैर चलने से, गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढका हुआ भोजन खाने से, लार्वा के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं.मौके पर डीडीए राजकिरण, एविडेंस एक्शन डीसी प्रभात रंजन सहित अन्य लोग एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है