सही तकनीक से जांच के बाद सैंपल का निस्तारण भी जरूरी : डॉ पूनम
सही तकनीक से जांच के बाद सैंपल का निस्तारण भी जरूरी : डॉ पूनम
मुजफ्फरपुर.
नाइट ब्लड सर्वे के सैंपल की सही जांच व सटीक माइक्रोफाइलेरिया रेट को जानने के लिए एसकेएमसीएच में लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी गयी. नौ प्रखंड के लैब टेक्नीशियन इसमें शामिल हुए. माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ पूनम, डॉ श्वेता, डॉ मिलन व पीरामल के इफ्तेखार अहमद खान ने संयुक्त रूप से ट्रेनिंग दी. बताया गया कि स्लाइड पर ब्लड सैंपल को हमेशा बाहर से अंदर की ओर अंडाकार आकृति बनाते हुए ले जाएं. इसके अलावा सैंपल को सिर्फ छांव या हवा में सुखाएं. कभी भी सैंपल को धूप में सुखाने के लिए नहीं रखना है. डॉ पूनम ने राज्य से लाये गये छह पॉजिटिव स्लाइड से माइक्रोफाइलेरिया को भी दिखाया. इसके अलावा डॉ पूनम ने जांच की रिपोर्टिंग व उसमें प्रयुक्त रसायनों के बारे में भी लैब टेक्नीशियन को जानकारी दी.सैंपल का निष्पादन अहम
ट्रेनिंग के दौरान डॉ पूनम ने बताया कि सैंपल की जांच जितनी सटीक होनी चाहिए, उसका निष्पादन भी उतना ही अहम है. सैंपल को खुले स्थान पर फेंकने से उस स्लाइड से संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है. इसलिए उसे हमेशा पहले से निर्धारित बंद डिब्बे में डालें. मौके पर जिला वीबीडीसीओ डॉ सुधीर कुमार, वीडीसीओ पुरुषोत्तम कुमार, डॉ कुमारी मिलन, डॉ श्वेता व इफ्तेखार अहमद खान मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है