:: कालाजार के दस हजार की आबादी पर एक या उससे कम मरीज मिल रहे वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर कालाजार के अति संवेदनशील क्षेत्र से मुजफ्फरपुर जिला अलग हो गया है. राष्ट्रीय मानक के हिसाब से दस हजार की आबादी पर एक या उससे कम मरीज होने के बाद उसे अतिसंवेदनशील सूची से अलग कर दिया जाता है. आलम यह है कि वर्ष 2024 जनवरी से जून तक एक भी कालाजार का मरीज नहीं मिला है. इसलिये मानक पर खरा रहने के लिए कालाजार उन्मूलन के लेकर छिड़काव अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए राज्य मुख्यालय से दवा की आपूर्ति कर दी है. जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डाॅ. सतीश कुमार ने बताया कि जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार अभियान चल रहा है. जागरूकता, मरीजों की खोज, इलाज व बालू मक्खी को मारने के लिए एसपी का छिड़काव जारी है. इस साल छिड़काव का पहला चरण पूरा कर लिया गया है. दूसरे चरण को लेकर तैयारी चल रही है. अगले महीने से सभी 16 प्रखंड में एक साथ छिड़काव किया जायेगा. इसके लिए राज्य मुख्यालय से दो मैट्रिक टन दवा की खेप पहुंच गई है. छिड़काव को लेकर सभी पीएचसी प्रभारी से माइक्रोप्लान मांगा गया है. प्लान आने के बाद जरूरत के मुताबिक दवा हर जगह पर पहुंचेगी. छिड़काव का यह मानक वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी ने बताया कि जिस राजस्व गांव में जहां पिछले तीन साल में एक मरीज मिला है. वैसे गांव को छिड़ाव के पैनल में रखा जायेगा. जहां पर मरीज तीन साल से नहीं मिल रहे हैं, वहां पर छिड़काव नहीं होगा. चिन्हित गांव में टीम जाकर छिड़काव करेगी. हर स्तर पर निगरानी के लिए छिड़काव का निरीक्षण किया जायेगा. डाॅ. कुमार ने बताया कि साहेबगंज, पारू व मोतीपुर को लेकर लगातार चिंता बनी हुई थी, लेकिन वहां भी हालत नियंत्रण में है. इसके कारण जिले को अंतिसंवेदनशील सूची से बाहर निकलने में मदद मिली है.
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