मुजफ्फरपुर किडनी कांड में डॉक्टर को 7 साल की सजा, मुख्य आरोपी अब भी फरार

मुजफ्फरपुर में गर्भाशय ऑपरेशन के दौरान किडनी निकाल लेने के मामले में डॉ. पवन कुमार को दोषी पाकर कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है

By Anand Shekhar | June 19, 2024 9:11 PM

Muzaffarpur Kidney Scandal: मुजफ्फरपुर में गर्भाशय के ऑपरेशन के दौरान सकरा थाना के बाजी राउत गांव की सुनीता देवी की दोनों किडनियां निकालने के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद डाॅ पवन कुमार को दोषी करार देते हुए अलग अलग धाराओं में सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. एससी-एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सत्र विचारण के बाद आरोपित को दोषी पाते हुए 18 हजार का अर्थदंड भी दिया है.

इन धाराओं के तहत सुनाई गई सजा

विशेष लोक अभियोजक (एससी/एसटी एक्ट) जयमंगल प्रसाद ने बताया कि विशेष कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई होने के बाद कुल सात साल की सजा सुनायी गयी है. आरोपित डॉ पवन कुमार 16 नवंबर 2022 से जेल में बंद है. कोर्ट ने डॉ पवन को धारा 384 में एक साल की सजा व तीन हजार अर्थदंड, धारा 420 में तीन साल व पांच हजार जुर्माना और धारा 326 में सात साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर चार माह की अतिरिक्त कारावास की सजा होगी.

मुख्य आरोपित अब तक फरार

वहीं, इस मामले के मुख्य आरोपित डाॅ आरके सिंह अब तक फरार है. उसके विरुद्ध कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया है. बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में ही तीन सितंबर 2022 सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था. यह क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर पवन कुमार का बताया गया था.

निकाल ली गई थी दोनों किडनियां

पांच सितंबर को सुनीता की तबीयत खराब होने पर उसे श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया. सात सितंबर 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गयी हैं. इससे पहले पेट में दर्द की शिकायत पर 11 जुलाई 2022 को डाॅ. पवन के क्लीनिक में उपचार शुरू हुआ. गर्भाशय निकालने के लिए ऑपरेशन कराने की सलाह दी गयी. इसके लिए उससे 20 हजार रुपये जमा कराये गये थे.

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