न्यूजर्सी में पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी समारोह पर विश्वस्तरीय आयोजन में भाग लेंगे उत्तर बिहार के चिकित्सक

न्यूजर्सी में पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी समारोह पर विश्वस्तरीय आयोजन में भाग लेंगे उत्तर बिहार के चिकित्सक

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2024 1:28 AM

– पटना मेडिकल कॉलेज के 100 साल पूरे होने पर वार्षिक पुनर्मिलन को दिया जा रहा वैश्विक आकार , दो से चार अगस्त तक होगा आयोजन- भारत, मध्य-पूर्व यूनाइटेड किंगडम, उत्तरी अमेरिका समेत प्रत्येक महाद्वीप से 100 से अधिक पूर्ववर्ती छात्र इस कार्यक्रम में होंगे शामिल, दो से चार अगस्त तक होगा आयोजन -पटना मेडिकल कॉलेज पूर्व छात्र संघ उत्तरी अमेरिका की ओर से हो रहा आयोजन, पूर्वी चंपारण के मेहंसी निवासी प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ विनोद निभायेंगे अहम भूमिका अंकित कुमार, मुजफ्फरपुर पटना मेडिकल कॉलेज के शताब्दी वर्ष समारोह के उपलक्ष्य में न्यूजर्सी (यूनाइटेड स्टेट्स) में विश्वस्तरीय आयोजन हो रहा है. इसमें भारत, मध्य-पूर्व यूनाइटेड किंगडम, उत्तरी अमेरिका समेत प्रत्येक महाद्वीप से 100 से अधिक ख्यातिप्राप्त चिकित्सक और पटना मेडिकल कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र शिरकत कर रहे हैं. पटना मेडिकल कॉलेज पूर्ववर्ती छात्र संघ उत्तरी अमेरिका की ओर से यह आयोजन किया जा रहा है. पिछले वर्ष तक जहां यह आयोजन स्थानीय स्तर पर होता था, इस वर्ष शताब्दी समारोह को लेकर इसका फलक विश्वस्तरीय किया गया है. इसमें कई देशों के चिकित्सक शामिल हो रहे हैं. जाे मुख्यत: बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मेहसी समेत अन्य जिलों के रहने वाले हैं. दो से चार अगस्त तक न्यूजर्सी के हिल्टन गार्डन्स इन, ब्रिजवाटर यह विशेष उत्सव होगा. 1974 बैच के स्टूडेंट रहे और वर्तमान में ख्यातिप्राप्त चिकित्सक पूर्वी चंपारण के मेहसी निवासी डॉ विनोद कुमार सिन्हा इस आयोजन को आर्गेनाइज कर रहे हैं. उन्हाेंने फोन पर प्रभात खबर को बताया कि इस साल एसोसिएशन ने पटना मेडिकल कॉलेज के 100 साल पूरे होने पर वार्षिक पुनर्मिलन को वैश्विक आकार दिया है. इसमें दुनिया भर (भारत, मध्य पूर्व, यूनाइटेड किंगडम, उत्तरी अमेरिका, लगभग हर महाद्वीप) से सैकड़ों पूर्ववर्ती छात्र और वर्तमान में चिकित्सा सेवा में ख्यातिप्राप्त लोग शिरकत करेंगे. उन्होंने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज को 1874 में टेंपल मेडिकल स्कूल के नाम से शुरू किया गया था. 25 फरवरी 1925 को इसका नाम प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज कर दिया गया. वहीं 1975 में इसका नाम बदलकर पटना मेडिकल कॉलेज किया गया था. इसकी स्थापना उस युग के दौरान हुई थी जब भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयास कर रहा था. बिहार के मध्य में स्थित, पटना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बीच पीएमसी सौ वर्षों से स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और नवाचार का प्रतीक रहा है. —- बीमारियाें पर मेडिकल साइंस में हो रहे रिसर्च पर होगी बात : विश्व स्तरीय इस आयोजन का उद्देश्य यह होगा कि विभिन्न बीमारियों से बचाव को लेकर दुनिया भर में हो रहे रिसर्च और उपयोग की जाने वाली तकनीक पर बात होगी. अलग-अलग सत्रों में इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी बात रखेंगे. बता दें कि आयोजक डॉ विनोद सिन्हा 35 वर्षों से न्यूजर्सी में रॉबर्ट वुड जॉनसन बरनबास हेल्थ केयर सिस्टम में पल्मोनरी क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट के रूप में कार्यरत हैं. इस आयोजन में पीएमसी एलुमनी एसोसिएशन नार्थ अमेरिका के अध्यक्ष बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजय प्रताप सिंह और एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सह डॉ अशोक चोपड़ा सहयोग कर रहे हैं. इस आयोजन के दौरान कॉलेज को भविष्य में मदद, विशेषज्ञता, धर्मार्थ संगठनों और उच्च शिक्षा के लिए रेजीडेंसी प्रशिक्षण प्राप्त करने में कॉलेज के स्नातकों की मदद करने समेत अन्य निर्णयों पर भी चर्चा की जायेगी. —– इन देशों में रहने वाले बिहार निवासी चिकित्सक होंगे शामिल सउदी अरब से बेतिया के रहने वाले डॉ मकसूद आलम, यूके से मोतिहारी के डॉ अशोक सिन्हा, दरभंगा के डॉ गोपाल सिन्हा, छपरा के डॉ राजा एचके सिन्हा और सीतामढ़ी के डॉ त्रिपुरारी प्रसाद, भारत से दरभंगा के डॉ सुकुमार झा, डॉ मधु मिश्रा और डॉ सत्यजीत सिंह शामिल होंगे. वहीं यूएसए से चकिया के डॉ राजीव वर्मा और डॉ स्वर्णा वर्मा, दरभंगा के डॉ विजय नारायण और डॉ गीतांजल, न्यूजर्सी से मेहसी के रहने वाले आयोजक डॉ विनोद कुमार सिन्हा, दरभंगा के डॉ जय कृष्णा जलज, डॉ रानी सिन्हा, मुजफ्फरपुर से डॉ सज्जन नेमानी शामिल होंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version