बिहार में कहां है अवारा कुत्तों का आतंक? महीने भर में 600 से अधिक लोगों को काटकर जख्मी किया…
बिहार का एक जिला ऐसा भी है जहां कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा है कि अबतक 600 से अधिक लोगों इसका शिकार बन चुके हैं. एक मासूम को बुरी तरह कुत्तों ने नोचा है.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक है. ये कुत्ते हर रोज 20-22 लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. इस अनुपात में एक महीने में लगभग 614 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ है.वहीं आवारा कुत्तों ने आठ साल के एक मासूम पर हमला कर उसके सिर को बेरहमी से नोच डाला. जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया है. माथे व शरीर में गहरे जख्म हो गये हैं. घटना बोचहां के मैदापुर की है. जख्मी विनय कुमार बुधवार की दोपहर गाछी में गाय को देखने जा रहा था.इसी दौरान कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया.
राहगीर की पड़ी नजर तो बच्चे को बचाया
अवारा कुत्तों से घिरने के बाद जख्मी बच्चा वह काफी देर तक चिल्लाता रहा, लेकिन गाछी में होने की वजह से कोई उसे देख नहीं पा रहा था. संयोग से 10 मिनट के बाद उधर से गुजर रहे एक राहगीर ने बच्चे को लहूलुहान देखा. कुत्ते उसपर हमला कर रहे थे. उसने कुत्तों को भगाना चाहा तो उसपर उन्होंने हमला बोल दिया. किसी तरह वह आम के पेड़ पर चढ़ गया. वहां से कॉल कर ग्रामीणों को सूचना दी. ग्रामीणों ने लाठी डंडे लेकर कुत्तों को खदेड़ा. इसके बाद बच्चे की जान बची.
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एसकेएमसीएच में भर्ती है बच्चा, हालत नाजुक
खून से लथपथ बच्चे को लोगों ने एसकेएमसीएच में भर्ती कराया. इमरजेंसी वार्ड में उसका इलाज हो रहा है. उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. उसके सिर पर कुत्ते द्वारा काटने के गहरे जख्म हैं. उसके शरीर पर भी कई जगह गहरे जख्म हो गये हैं. मां रीना ने बताया कि विनय गाय को खोजने गया था. उसी दौरान तीन कुत्तों ने हमला कर दिया. एक सप्ताह पहले एक गाड़ी से दर्जनों कुत्तों को लोकर कुछ लोगों ने गांव में छोड़ दिया था. ये वही कुत्ते हैं जो लोगों पर हमला कर रहे हैं.
एक महीने में 600 से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटा
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जिले में 1 से 30 अगस्त तक 614 लोगों को कुत्तों ने काटा है. यह तो वह आंकडे़ हैं जो सदर अस्पताल या स्वास्थ्य विभाग की सीएचसी-पीएचसी और अर्बन हेल्थ सेंटर पर इलाज कराने के लिए आये. ऐसे लोग भी काफी संख्या संख्या में हैं जो कुत्ते के काटे जाने के बाद भी एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए नहीं आए. इन लोगों के आंकड़ों को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो यह और बढ़ेंगे.
हर दिन 20 नये मरीज आ रहे
इधर, स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट ने बताया कि हर दिन 20 नये मरीज कुत्ते काटने के आ रहे हैं. इसे लेकर हर माह एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए वॉयल की डिमांड की जाती है, लेकिन मिलती है सिर्फ 500 वॉयल. अब काफी संकट हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता है. जबकि सीएचसी-पीएचसी, अर्बन हेल्थ सेंटर में वैक्सीन के अभाव में नहीं लगाया जाता है.