मुजफ्फरपुर में लगातार बारिश से सूख रही फसलों को मिला नया जीवन, किसान खुश
मुजफ्फरपुर जिले में बारिश के बाद भी धान की रोपनी का लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो सका है. जिले में धान रोपनी का लक्ष्य एक लाख 45 हजार 701 हेक्टेयर है. लेकिन अब तक एक लाख 22 हजार 396 हेक्टेयर में धान की रोपनी ही हुई है.
Bihar News: मुजफ्फरपुर में पिछले चार दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश से धान की फसल को काफी फायदा हुआ है. साथ ही धनरोपनी में भी तेजी आयी है. किसानों के मुरझाये चेहरे पर अब पहले की तरह चिंता नहीं है. तेज धूप के कारण खेतों में पड़ी दरार भी भरने लगी है. खेतों में नमी के लिए किसानों को अब रोज सिंचाई नहीं करनी पड़ रही है. पहले लगी धान की फसल से अब कल्ला भी फूटने लगा है. हालांकि जिले में अभी लक्ष्य के अनुसार धनरोपनी नहीं हुई है.
लक्ष्य से काफी पीछे धनरोपनी
जिला कृषि विभाग के अनुसार जिले में एक लाख 45 हजार 701 हेक्टेयर में धान की फसल लगानी है, जिसमें अभी तक एक लाख 22 हजार 396 हेक्टेयर में धान की फसल लगायी जा चुकी है. लक्ष्य के अनुसार अभी भी 23 हजार 304 हेक्टेयर में धान की फसल नहीं लगी है.
कहां कितनी हुई रोपनी
प्रखंड | लक्ष्य | उपलब्धि |
---|---|---|
औराई | 11144.850 | 8592.20 |
बंदरा | 4413 | 4356 |
बोचहां | 11469 | 10180 |
गायघाट | 11266 | 9384 |
कांटी | 9034 | 7763 |
कटरा | 9833 | 8614 |
कुढ़नी | 12932.20 | 11525 |
मड़वन | 4136 | 3103 |
मीनापुर | 7499.36 | 6536 |
मोतीपुर | 11278 | 9169 |
मुरौल | 2010 | 1878.70 |
मुशहरी | 6427.50 | 5292 |
पारू | 14863.50 | 12047 |
साहेबगंज | 9896.50 | 8730 |
सकरा | 8347.80 | 5928 |
सरैया | 11151 | 9299 |
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लग गयी धान की फसल, फूट रहा कल्ला
पहले से रोपे गये धान की फसल अब बच गयी है, उसमें से कल्ला फूट रहा है. हरी सब्जी भी अब बच जायेगी. अगर बारिश नहीं होती तो किसान बर्बाद हो जाते. तेज धूप से धान की फसल सूख रही थी और सिंचाई के बाद भी खेतों में नहीं नहीं थी. अब स्थिति पहले से बेहतर है. हमलोगों को उम्मीद है कि धान की फसल को अब नुकसान नहीं होगा.
– शिवचंद्र प्रसाद, किसान सह पैक्स अध्यक्ष, महदेइयां
किसानों के लिए वरदान साबित हुई बारिश
वर्षा नहीं होने से धान के पौधों में कीड़ा लगना शुरू हो गया था. खेतों में दरार पड़ गयी थी. अब स्थिति ठीक हो गयी है. फसल बचाने के लिए रोज पटवन करना नहीं पड़ रहा है. बारिश से हरी सब्जियों को भी फायदा हुआ है. किसानों के लिए बारिश वरदान साबित हुई है.
– नीरज कुमार, मुख्य संयोजक, अलीनेउरा किसान क्लब
धान की फसल लगाने के लिए अनुकूल समय
खेतों मे कीटो का प्रकोप बढ गया था. अब खेतों में नमी है और पहले से लगी धान में अन्य पौधे निकल रहे हैं. धान की फसल लगाने का यह अनुकूल समय है. इसी तरह बारिश होती रहे तो धान की फसल को फायदा होगा और किसानों की परेशानी भी कम होगी
– राकेश कुमार रौशन, प्रगतिशील किसान, घोसौत
अब खेतों में पटवन की जरूरत नहीं
धान की फसल को फायदा मिला है. अब खेतों में पटवन की जरूरत नहीं है. खेतों में नमी आने से हमलोगों की चिंता कम हो गयी है. फिलहाल इसी तरह की बारिश की जरूरत है. धान की फसल को इससे फायदा मिलेगा और सब्जियों का उत्पादन भी बढ़ेगा
– शंकर प्रसाद , किसान, करचौलिया