Durga puja : शारदीय नवरात्र का कलश स्थापन 17 अक्तूबर को होगा. कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6.15 बजे से है. आचार्य राधाकांत शास्त्री ने बताया कि प्रतिपदा तिथि को सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है. इस कारण यह अत्यंत शुभ दिन है. इस दिन से रोज मां भगवती के नौ रूपों की आराधना की जायेगी. आठ दिनों बाद 25 अक्तूबर को दोपहर एक बजे के बाद विजयादशमी सबके लिए मंगलदायक होगा.
कलश स्थापना का मुहूर्त
प्रथम मुहूर्त : सुबह 6.15 से सुबह 7.15 तक
द्वितीय मुहूर्त : सुबह 9 बजे से सुबह 10.30 तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11.36 से 12.36 तक
चतुर्थ मुहूर्त : दोपहर 1.50 से 3.38 बजे तक
घोड़े पर आएंगी मां, भैंसा पर होंगी विदा- देवी भागवत के अनुसार इस बार मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है, जो शासन और सत्ता के लिए अशुभ माना जाएगा, इससे सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है और सत्ता भंग की संभावना रहेगी, जबकि भैंस पर प्रस्थान विभिन्न प्रकार के रोग शोक कारक और निवारक भी हो सकता है. इस वर्ष खास कर हाथ में कलश लिए, शांत रूप में शेर के आगे खड़ी माता के स्वरूप का दर्शन-पूजन करना सभी व्याधियों से छुटकारा दिलाने वाला होगा. इस रूप में माता की स्थापना व पूजन सबके लिए शुभद सुखद एवं मंगलमय होगा.
कलश स्थापना एवं माता शैलपुत्री पूजन
17 अक्तूबर : कलश स्थापना, प्रतिपदा
18 अक्तूबर : द्वितीया (ब्रह्मचारिणी पूजन)
19 अक्तूबर : तृतीया (चंद्रघण्टा पूजन)
20 अक्तूबर : चतुर्थी (कुष्मांडा पूजन)
21 अक्तूबर : पंचमी (स्कंदमाता पूजन)
22 अक्तूबर : षष्ठी (कात्यायनी पूजन एवं बिल्वाभिमंत्रण)
23 अक्तूबर : महासप्तमी (कालरात्रि पूजन, डोली यात्रा, नवपत्रिका प्रवेश, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा एवं पट प्रदर्शन) शुभ योग – रात्रि 11.30 बजे से 1.30 बजे तक
24 अक्तूबर : महाअष्टमी/महानवमी (महागौरी पूजन, कुमारिका पूजन, सिद्धिदात्री पूजन एवं नवरात्र हवन) पूर्वाह्न 11.27 बजे तक महाष्टमी पूजन, कुमारिका पूजन. पूर्वाह्न 11.30 बजे से महानवमी व्रत प्रारंभ हो जायेगा, जो 25 अक्तूबर की सुबह 11.15 बजे तक रहेगा.
25 अक्तूबर : महानवमी/विजयादशमी (सुबह 11.14 बजे तक महानवमी)
26 अक्तूबर : विसर्जन (सुबह 6.15 बजे से 11.35 बजे तक शुभ)
Also Read: Durga Puja 2020 को लेकर प्रशासन ने जारी किया गाइडलाइन, इन नियमों का पालन करना होगा ‘अनिवार्य’
Posted By : Avinish Kumar Mishra