मुजफ्फरपुर.एमडीडीएम कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान में रविवार को वेबिनार का आयोजन किया गया. इसका विषय खान-पान का विकार रखा गया था. अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्य डॉ कनुप्रिया ने कहा कि सिर्फ एडोलिसेंस के लिए नहीं बल्कि हर आयु के लोग इसमें जुड़कर इस मानसिक विकृति को दूर करने का प्रयास करें. इसके लिए काउंसलिंग व मेडिसिन का उपयोग कर एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें. पांडिचेरी से डॉ पंचरामालिंगम ने कहा कि ऐसे टॉपिक पर ध्यान देना अति आवश्यक है जो युवाओं से जुड़ा है. वक्ता डॉ लक्ष्मी पांडेय, डॉ रीति, सुल्ताना परवीन ने भी अपने विचार रखे. कहा कि इटिंग डिसऑर्डर एक मानसिक रोग है. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. खानपान विकार के विभिन्न प्रकार, प्रभाव, समस्या पर चर्चा की गयी. कहा कि इटिंग डिसऑर्डर एक ग्लोबल समस्या है. विकसित देशों के बाद भारत भी इसकी चपेट में आ गया है. इसकी वजह से स्टूडेंट्स में एंजाइटी, डिप्रेशन, एकाग्रता की कमी और मूड डिसआर्डर दिखने को मिलता है. ग्लोबल रूप से इस मानसिक बीमारी से 14.5 प्रतिशत लोग ग्रसित हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह अधिक पाया जाता है. वक्ताओं ने कहा कि इस रोग को बढ़ाने में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा योगदान है. वेबिनार में 107 प्रतिभागियों ने भाग लिया. माैके पर मनोविज्ञान विभाग की प्रो.निशि कांति, डाॅ देवाश्रुति घोष, डाॅ अनुराधा सिंह, डाॅ मीनाक्षी, डाॅ प्रिया समेत अन्य उपस्थित रहीं. कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष प्रो.शकीला अजीम ने किया.
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