मुजफ्फरपुर सहित सूबे में इंस्टीट्यूशनल प्रॉपर्टी के ट्रांजेक्शन (सांस्थिक संपत्ति के संव्यवहार) में रजिस्ट्री ऑफिस बड़ी चूक कर रही है. डाटा की जो प्रविष्टि (इंट्री) होती है. इसमें कुछ कमियां होने के कारण ईडी, विजिलेंस, सीबीआई सहित विभिन्न जांच एजेंसियों को रजिस्टर्ड दस्तावेज की ऑनलाइन खोजबीन करने में काफी दिक्कतें आ रही है. जांच एजेंसियां किसी भी इंस्टीट्यूशनल प्रॉपर्टी के ट्रांजेक्शन से संबंधित जानकारी लेना चाहती है, तब उसे सही तरीके से नहीं मिल पा रही है.
इससे भ्रष्टाचार जैसे मामले के बढ़ने की बात बतायी जा रही है. हालांकि, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग को जब इसकी शिकायत मिली, तब राज्य स्तर पर ही इंस्टीट्यूशनल प्रॉपर्टी के ट्रांजेक्शन यानी खरीद-बिक्री व लीज एग्रीमेंट के दौरान डाटा की इंट्री में सावधानी बरतने को लेकर एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीडियाेर) जारी किया गया है. राज्य के सभी जिलाधिकारी, जिला अवर निबंधक व अवर निबंधक को सांस्थिक संव्यवहार से संबंधित दस्तावेजों की रजिस्ट्री के दौरान सावधानियां बरतने को कहा गया है.
विभाग के सहायक निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि संस्था/फर्म/संस्थान इत्यादि की इंट्री पार्टी नाम वाले कोष्ठक में करना अनिवार्य है. किस तरीके से संस्थान काम कर रहा है. इसकी भी पूरी जानकारी उसी कोष्ठक होनी चाहिए. इसमें फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल/बैंक/एजेंसी/कंपनी आदि की इंट्री आवश्यक है. यही नहीं कंपनी की तरफ से प्राधिकृत व्यक्ति/पदेन पद धारक के नाम की इंट्री भी पार्टी नेम वाले कोष्ठक में करना है. किस पद या हैसियत से रजिस्ट्री के लिए अधिकृत किये गये हैं. कंपनी या एजेंसी से अधिकृत पत्र के साथ पूरी जानकारी कोष्ठक में भरना अनिवार्य होगा.
अधिकृत व्यक्ति का सील, मुहर भी होगा अनिवार्य
विभाग की तरफ से जारी एसओपी के अनुसार, रजिस्ट्री के लिए जो दस्तावेज जमा किये जायेंगे. इसमें इसकी जांच आवश्यक होगा कि कंपनी, एजेंसी की तरफ से जो व्यक्ति रजिस्ट्री या लीज एग्रीमेंट के लिए अधिकृत हैं. उक्त प्राधिकृत व्यक्ति (पदधारक/सदस्य) का हस्ताक्षर और संस्था/संस्थान जो भी हो से संबंधित आवश्यक मुहर/सील अंकित करना अनिवार्य होगा.
सांस्थिक संव्यवहार से संबंधित दस्तावेजों के निबंधन के दौरान डाटा इंट्री में कुछ सावधानियां बरतने को लेकर एसओपी जारी किया गया है. दो दिन पहले ही इससे संबंधित गाइडलाइन विभाग से मिला है. इसका अध्ययन किया जा रहा है. विभाग से मिले गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन किया जायेगा.
मनीष कुमार, जिला अवर निबंधक मुजफ्फरपुर
Also read: Gaya OTA से देश को मिले 118 अफसर, इनमें बिहार के चार, सबसे ज्यादा 23 यूपी के