– उपभोक्ताओं के खाते से डिफरमेंट राशि को लेकर कटी बिजली – बिजली कटने से परेशान उपभोक्ता पहुंचे दफ्तर तो कर्मचारी भाग खड़े हुए वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बिजली कंपनी के सिस्टम के गड़बड़ी का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. सोमवार को एक बार फिर डिफरेंट राशि के नाम पर शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के 50 हजार उपभोक्ता की बिजली गुल हो गयी. इससे परेशान लोग सड़क पर उतर आये. आक्रोशित उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनी के शहरी टू डिवीजन के एसकेएमसीएच स्थित कार्यालय पर पहुंच ऑफिस में ताला मार दिया. इसी तरह तिलक मैदान ऑफिस में लोगों ने हंगामा किया. उपभोक्ताओं ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अचानक से डिफरमेंट राशि कटती है और बिजली गुल हो जाती है. बिजली चालू करने के लिए रिचार्ज करने के तीन चार घंटे बाद भी बिजली नहीं आती है जो बकाया काट रहे हैं. उसकी जानकारी पहले नहीं देते. बिजली विभाग के अधिकारी समस्या के निदान के बदले टाल मटोल करते हैं. ——————————————————————————- 60 हजार का बकाया मार्च में दिया, फिर भी 35 हजार माइनस में एसकेएमसीएच डिवीजन से जुड़े उपभोक्ता उत्तम कुमार ने बताया कि उनका 60 हजार रुपये का बकाया था जिसे उन्होंने 24 मार्च को क्लीयर कर दिया. अचानक उनके मोबाइल पर रविवार को माइनस 35000 का मैसेज आया और बिजली कट गयी. यहां आने पर सभी कर्मी गायब है. झपहां के मनीष कुमार का मुर्गी फॉर्म चलाते हैं, इनका कोई डयूज नहीं था. अचानक दस हजार माइनस में डिफरमेंट राशि बताकर बिजली कट गयी. फॉर्म में पांच लाख रुपये की मुर्गी है अगर बिजली के कारण उसे नुकसान हुआ तो वह बिजली कंपनी पर इसका दावा ठोंकेंगे. तिलक मैदान ऑफिस पहुंचे चंदवारा के दुकानदार मो शहनवाज ने बताया कि बैलेंस प्लस में था. अचानक माइनस 2000 रुपया बताकर बिजली काट दी. यहां कोई रिचार्ज करने वाले नहीं है. सरैयागंज के दूध विक्रेता अनुभव ने बताया कि अचानक माइनस दस हजार रुपये कटा. सरैयागंज के दुकानदार सैयद अली ने बताया कि रविवार को प्लस 1200 रुपये थे. अचानक माइनस 4500 रुपये हो गया. छोटी सरैयागंज के होटल के मैनेजर पहुंचे, उनकी बिजली कटी थी. दो हजार का रिचार्ज कराये तीन घंटे हो गये, लेकिन बिजली नहीं आयी. हार्डवेयर दुकानदार पी सिंह ने बताया कि प्लस 500 रुपये था. अचानक माइनस में एकाउंट हो गया. सुबह से बिजली गायब है. ———————————————————————- क्या है डिफरमेंट राशि बिजली कंपनी के अभियंताओं की मानें तो हर महीने बिजली खपत के अतिरिक्त ओवर लोड पर लगने वाला पेनाल्टी शुल्क, कॉमर्शियल कनेक्शन में पावर फैक्टर, पुराने बकाये पर लगने वाला ब्याज जिसे एरियर का डीपीएस कहते हैं. ये सभी राशि डिफरमेंट शुल्क में जुड़ती है. इसका मैसेज उपभोक्ता को बिल जेनरेट होने से सात दिन पहले उपभोक्ता संख्या में दर्ज मोबाइल नंबर पर जाता है. वहीं एप में भी इसे उपभोक्ता देख सकते हैं.
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50 हजार उपभोक्ताओं की कटी बिजली, ऑफिस में मारा ताला
50 हजार उपभोक्ताओं की कटी बिजली, ऑफिस में मारा ताला
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