कट ऑफ के चक्कर में एडमिशन के समय दी गलत जानकारी, BRABU ने अब रद्द किया नामांकन
BRABU की मेरिट लिस्ट में शामिल होने के लिए छात्रों ने नामांकन के समय गलत कैटेगरी की जानकारी दी और गलत शपथ पत्र भी दिया. जानकारी गलत पाए जाने पर नामांकन रद्द कर दिया गया. जिसके बाद आवेदन लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे छात्रों को उनकी गलती का एहसास कराया गया और उन्हें वापस भेज दिया गया.
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) ने कोटि की गलत जानकारी देकर नामांकन लेने वाले स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे 20 से अधिक स्टूडेंट्स का नाम चिह्नित कर काटा गया है जिन्होंने आवेदन के समय कोटि की गलत जानकारी दी थी. जब परीक्षा फॉर्म भरने विद्यार्थी कॉलेज पहुंचे तो पता चला कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है. इसके बाद वे आवेदन लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे.
विश्वविद्यालय में छात्राें को कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आवेदन के समय इडब्ल्यूएस कोटि में आवेदन कर दिया था. इसका कटऑफ कम होने के कारण नामांकन हो गया. नामांकन के समय शपथपत्र दे दिया कि बाद में प्रमाणपत्र देंगे, लेकिन प्रमाणपत्र बन नहीं पाया. इस कारण कॉलेज ने नामांकन रद्द कर दिया है.
इसपर उन्हें विश्वविद्यालय से यह कहते हुए लौटा दिया गया कि जब गलत जानकारी देकर उन्होंने आवेदन किया तो नामांकन के पात्र नहीं हो सकते. पिछले वर्ष नामांकन के समय भी मुख्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेजों से दो दर्जन से अधिक विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र नहीं होने पर लौटा दिया गया था.
तीन से पांच प्रतिशत तक कम होता है कटऑफ
सामान्य कोटि की तुलना में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों का कटऑफ तीन से पांच प्रतिशत तक औसतन कम होता है. इस कारण कम अंक वाले विद्यार्थी कई बार इस विकल्प का चयन कर लेते हैं. चूंकि आवेदन के समय प्रमाणपत्र अपलोड करने की बाध्यता नहीं होती, ऐसे में स्टूडेंट्स नामांकन के समय शपथ पत्र देकर नामांकन ले लेते हैं.
संस्थान में सख्ती होने पर ऐसे स्टूडेंट्स का नामांकन रोका भी जाता है. बता दें कि विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि छात्रों के पास यदि प्रमाणपत्र हो तभी वे इडब्ल्यूएस व अन्य कोटि की जानकारी दें.
यदि आवेदन में जानकारी देंगे और नामांकन के समय संबंधित कोटि या स्पोर्ट्स, एनसीसी, स्वतंत्रता सेनानी समेत अन्य कोटा का भी प्रमाण नामांकन के समय देना होगा. इसके जांच की जिम्मेदारी कॉलेजों की होगी. नामांकन के समय आवेदन की कॉपी ली जाएगी और उसमें दिए गए विवरण से प्रमाणपत्रों का मिलान किया जाएगा. गलत जानकारी होने पर कॉलेजों को कहा गया है कि ऐसे विद्यार्थियों का नामांकन नहीं लें.
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