मधौल पावर ग्रिड के पास कांवरिये पायेंगे ठहराव स्थल की पर्ची
बनेंगे पांच काउंटर, पर्ची के आधार पर ही प्रवेश
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सावन में जलाभिषेक के लिए आनेवाले कांवरियों को ठहराव स्थल की सुविधा दी जायेगी. इसके लिए मधौल पावर ग्रिड के पास जिला प्रशासन पांच काउंटर बनायेगा. यहीं से कांवरियों को ठहराव स्थल आवंटित होगा. इसके लिए उन्हें पर्ची दी जायेगी. इस बार आरडीएस कॉलेज, आरबीटीएस कॉलेज व डीएन उच्च विद्यालय को ठहराव स्थल बनाया गया है. किसी भी ठहराव स्थल पर कांवरियों की अधिक भीड़ नहीं हो, इसके लिए जगह के हिसाब से कांवरियों को स्थल आवंटित होंगे. कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एसडीओ पूर्वी और स्वयंसेवकों की प्रतिनियुक्ति मंदिर प्रबंधन करेगा. व्यवस्था के सफल संचालन के लिए पर्यवेक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसमें डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, एसडीओ पूर्वी अमित कुमार, वरीय उप समाहर्ता डॉ अर्चना कुमारी, वरीय उपसमाहर्ता जूली कुमारी और वरीय उप समाहर्ता सोनी कुमार को शामिल किया गया है. यह समिति ठहराव स्थल पर पर्याप्त संख्या में शौचालय, पेयजल और स्नानागार की व्यवस्था देखेगी. कांवरिया मार्ग का निरीक्षण करेगी पर्यवेक्षण समिति कावंरिया मार्ग एनएच 77, एचएन 102 व शहर के अंदर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिये डीएम ने पर्यवेक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसमें डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, एसडीओ पूर्वी और पश्चिमी सहित वरीय उपसमाहर्ता सौरभ राज को शामिल किया है. यह समिति इन सड़कों का भ्रमण कर 8 जुलाई को डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी.रामदयालु से गरीबनाथ मंदिर मार्ग में पड़ने वाले विद्यालयों में भी कांवरियों के ठहराव का प्रबंध करने की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है. उन्हें ऐसे विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. कांवरिया मार्ग में पड़नेवाले सभी धर्मशाला प्रबंधकों के साथ बैठक कर ठहराव की व्यवस्था करने का निर्देश एसडीओ पूर्वी को दिया गया है. अधिकारियों का दल बैरिकेडिंग और ड्रॉप गेट का लेगा जायजा महिला व पुरुष कांवरियों के लिए हरिसभा से मंदिर मार्ग तक बैरिकेडिंग की जायेगी. साथ ही अन्य स्थलों पर ड्रॉप गेट का भी निर्माण होगा. डीएम ने नगर आयुक्त व भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को इसका निर्देश दिया है. अन्य जगहों पर बैरिकेडिंग व ड्रॉप गेट के निरीक्षण की जिम्मेदारी एसडीओ पूर्वी व अनुमंडल पुलिस अधिकारी को दी गयी है. इसकी देखरेख के लिए भी पर्यवेक्षण समिति गठित हुई है, जिसमें राजस्व के अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन के अमर समाहर्ता, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक व जिला पंचायत राज पदाधिकारी को शामिल किया गया है.
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